नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में टेलीकॉम सेक्टर के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। कैबिनेट ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को हरी झंडी दे दी है। खुद संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। संचार मंत्री ने कुछ दिन पहले खुद एक ट्रायल के दौरान 5जी का इस्तेमाल किया था तो यहां आपको प्वॉइंट्स में बताते हैं कि आखिर 5जी स्पेक्ट्रम है क्या और इससे मोबाइल फोन की दुनिया में किस तरह नई क्रांति आने जा रही है।
Moving forward with PM @narendramodi ji’s vision of a Digital India.
Spectrum auction announced today is an integral part of developing #BharatKa5G ecosystem. pic.twitter.com/k5JWCyAyWo— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 15, 2022
-कैबिनेट की मंजूरी के बाद 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए अगले हफ्ते से आवेदन मांगे जाएंगे।
-सरकार 600, 700, 800, 1,800, 2,100, 2,300 और 2,500 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगी।
-ट्राई की सिफारिशों के मुताबिक 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम कंपनियों को दिए जाएंगे।
-छोटी लेंथ यानी 600, 700 और 800 मेगाहर्ट्स बैंड के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है।
-कंपनियों को 5जी सेवा देने के लिए देसी तकनीक का इस्तेमाल करना होगा।
-एयरटेल और जियो ने 5जी की सफल टेस्टिंग पहले ही कर ली है।
-सरकार को 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी से 5 लाख करोड़ का राजस्व मिलने की उम्मीद है।
-5जी के इस्तेमाल से एक फिल्म को महज कुछ सेकेंड में डाउनलोड किया जा सकेगा।
-5जी बैंड के जरिए आवाज भी पहले के मुकाबले और साफ सुनाई देगी।
-चिकित्सा क्षेत्र में रियलटाइम स्थिति देखकर डॉक्टर दूर से ही इलाज कर सकेंगे।
-पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि आर्थिक विकास में भी 5जी का बहुत बड़ा योगदान रहेगा।