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डॉ. के.ए. पॉल ने भारत और वैश्विक नेताओं से इस्राइल-ईरान संघर्ष को रोकने की अपील की

डॉ. पॉल ने बताया कि वे इस्राइल और ईरान की कई सरकारों के दौरान राज्य अतिथि रह चुके हैं और अमेरिका व भारत की प्रमुख पार्टियों के नेताओं के साथ लगातार संवाद कर रहे हैं, ताकि संघर्षविराम के लिए दबाव बनाया जा सके। उन्होंने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नीतियों को “खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना” बताया और कहा कि ईरान और गाजा पर सैन्य हमले अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन हैं।

नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विश्व प्रसिद्ध शांति दूत और मानवतावादी डॉ. के.ए. पॉल ने भारत सहित विश्व नेताओं से अपील की कि वे इस्राइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष को रोकने के लिए तुरंत कूटनीतिक कदम उठाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया गया, तो यह संकट वैश्विक युद्ध का रूप ले सकता है।

डॉ. पॉल, जिन्होंने अब तक 155 से अधिक देशों में राष्ट्राध्यक्षों को शांति परामर्श दिया है, ने संयुक्त राष्ट्र, नाटो और कई देशों की सरकारों की चुप्पी और निष्क्रियता पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष अगर यूं ही बढ़ता रहा, तो इसमें वैश्विक शक्तियों की भागीदारी के चलते स्थिति विश्व युद्ध जैसी हो सकती है।

“दुनियाभर के नेता चुप बैठे हैं, युद्धों पर खरबों खर्च हो रहे हैं, जबकि अरबों लोग भूखे मर रहे हैं। यह अस्वीकार्य है,” उन्होंने कहा।

उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सांसदों से अपील की कि वे भारत की उस शांति की परंपरा को कायम रखें, जिसकी नींव महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर ने रखी थी।

“अगर हम खुद को विश्वगुरु कहते हैं, तो अब हमें हथियारों से नहीं, बुद्धिमत्ता से नेतृत्व करना होगा,” उन्होंने कहा।

डॉ. पॉल ने बताया कि वे इस्राइल और ईरान की कई सरकारों के दौरान राज्य अतिथि रह चुके हैं और अमेरिका व भारत की प्रमुख पार्टियों के नेताओं के साथ लगातार संवाद कर रहे हैं, ताकि संघर्षविराम के लिए दबाव बनाया जा सके। उन्होंने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नीतियों को “खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना” बताया और कहा कि ईरान और गाजा पर सैन्य हमले अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन हैं।

उन्होंने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले की निंदा की, लेकिन साथ ही गाजा में जारी मानवीय संकट की भी तीव्र आलोचना की और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।

“एक निर्दोष जीवन, इस पूरी दुनिया की दौलत से अधिक मूल्यवान है,” उन्होंने कहा, और इस्राइली व ईरानी नेतृत्व से शांति को एक मौका देने की अपील की।

डॉ. पॉल ने अंत में भारत, G7 देशों और अन्य वैश्विक नेताओं से अपील की कि वे पर्दे के पीछे कूटनीति शुरू करें, शांति प्रतिनिधिमंडल भेजें, और सहयोग की वैश्विक भावना को पुनर्जीवित करें, ताकि और जानें बचाई जा सकें।