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गुजरात का पहला रामालय अनुभव केंद्र वडोदरा एयरपोर्ट पर शुरू, यात्रियों को मिलेगा अनूठा अनुभव

इस अनुभव केंद्र का उद्घाटन गुजरात विधानसभा के भाजपा मुख्य सचेतक एवं विधायक श्री बालकृष्ण शुक्ला द्वारा किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “रामालय भारत की आत्मा को एक परिष्कृत और अनुभवात्मक रूप में जीवंत करता है।

नई दिल्ली। गुजरात का पहला रामालय अनुभव केंद्र आज वडोदरा हवाई अड्डे के सुरक्षा होल्ड क्षेत्र (SHA) में शुरू किया गया। भारत के एक प्रमुख लक्ज़री अगरबत्ती ब्रांड जेपीएसआर प्रभु श्रीराम द्वारा शुरू की गई यह अनूठी पहल भारत की आत्मा से जुड़ने का एक सुगंधमय द्वार प्रस्तुत करती है।

इस अनुभव केंद्र का उद्घाटन गुजरात विधानसभा के भाजपा मुख्य सचेतक एवं विधायक श्री बालकृष्ण शुक्ला द्वारा किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “रामालय भारत की आत्मा को एक परिष्कृत और अनुभवात्मक रूप में जीवंत करता है। यह गुजरात और भारत की उस मूल भावना को प्रकट करता है जो आध्यात्मिक, दिव्य और संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन करने के लिए तत्पर है। वडोदरा हवाई अड्डा इस अद्वितीय सांस्कृतिक और सुगंधमय पहल का हिस्सा बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहा है।”

वडोदरा हवाई अड्डे पर स्थित यह रामालय अनुभव केंद्र, भारत की आध्यात्मिक और कलात्मक धरोहर को सुगंधित अनुभवों के माध्यम से पुनर्जीवित करने के जेपीएसआर के व्यापक मिशन का हिस्सा है।

अब वडोदरा हवाई अड्डे पर यात्री भारत की आत्मा से जुड़ सकते हैं, जहां उन्हें लक्ज़री अगरबत्ती संग्रह और सांस्कृतिक कथा-कहानियों का अनूठा अनुभव मिलेगा। जेपीएसआर प्रभु श्रीराम द्वारा परिकल्पित श्रृपद रामायण संग्रह भारत के प्राचीन 1000 वर्ष पुराने मधुबनी चित्रकला परंपरा से प्रेरित है। यह प्राचीन कला माँ सीता की जन्मभूमि मिथिला से जुड़ी हुई है। प्रत्येक लक्ज़री अगरबत्ती संग्रह पवित्र कथाओं, दिव्य चित्रों और विशिष्ट सुगंधों को एक साथ समाहित कर रामायण की शिक्षाओं और कहानियों को अद्वितीय रूप में प्रस्तुत करता है।

अन्य विशिष्ट संग्रह

• कन्नौज संग्रह – भारत की इत्र नगरी कन्नौज की समृद्ध सुगंध परंपरा को दर्शाने वाला यह संग्रह पारंपरिक हस्तनिर्मित अगरबत्तियों की सुगंध में बसता है।
• एलोरा परफ्यूम लाइन (आगामी) – भारतीय कला और मंदिर परंपराओं की भव्यता से प्रेरित एक आधुनिक एवं पौराणिक सुगंध संग्रह।

इस मौके पर मोड रिटेल्स सेल्स एंड मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी और रामालय फाउंडेशन के संस्थापक, श्री प्रशांत कुमार ने कहा, “रामालय, भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सुगंध कला के माध्यम से प्रस्तुत करने का हमारा विनम्र प्रयास है। हवाई अड्डे आज के युग के मंदिर हैं – जहां विचार यात्रा करते हैं और हम आत्मा को जोड़ना चाहते हैं। रामायण-प्रेरित अगरबत्तियों और भारत की प्राचीन कलाओं के माध्यम से, हम यात्रियों को केवल सुगंध ही नहीं, बल्कि एक गहरा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य भारत और दुनिया के हर प्रमुख हवाई अड्डे पर रामालय अनुभव केंद्र स्थापित करना है, जिससे वैश्विक दर्शकों को भारत की आत्मा को सुगंध और सांस्कृतिक कथाओं के माध्यम से अनुभव करने का अवसर मिले।”

रामालय का उद्देश्य भारत की समृद्ध कला, संस्कृति, संस्कारों और मूल्यों को युवाओं और समाज में फैलाना है, जिससे यह न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय आध्यात्मिकता और कलात्मक उत्कृष्टता का परिचायक बने। रामालय, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘विश्व गुरु भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।