
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के विजन को आगे बढ़ाने और प्रवासी भारतीय युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए लंदन में यूथ ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (YOFBJP) यूनाइटेड किंगडम का उद्घाटन किया गया है। जिसकी स्थापना भारतीय जनता पार्टी के विदेशी संपर्क विभाग के प्रमुख विजय चौथाईवाले और यूके-यूरोप ओएफबीजेपी के प्रभारी शिशिर बजोरिया के नेतृत्व में की गई, जो खासतौर पर दिल्ली से इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मंच का उद्देश्य 35 वर्ष से कम उम्र के प्रवासी भारतीय युवाओं को भारत के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य से जोड़ना है, ताकि वे भारत की प्रगति में अपनी भूमिका निभा सकें।
इस पहल में मेरठ, उत्तर प्रदेश के तेजस्व भारद्वाज अहम भूमिका निभा रहे हैं, जिन्हें यूथ ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (YOFBJP) का अध्यक्ष चुना गया है। तेजस्व वर्तमान में किंग्स कॉलेज लंदन के छात्र हैं और इससे पहले भारत में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रह चुके हैं।
22 साल के तेजस्व भारद्वाज, जो शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक कार्यों से भी जुड़े रहे हैं, इस मंच के माध्यम से युवाओं को प्रेरित करने और उन्हें भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। उनके अनुभव और नेतृत्व ने YOFBJP UK को एक संगठित रूप देने में मदद की है, जिससे यह मंच प्रवासी भारतीय युवाओं को अपनी संस्कृति, परंपराओं और नीतियों से जोड़ने में सहायक साबित होगा।
इसी के साथ कार्तिक अग्रवाल जो की तेजस्व की ही तरह मेरठ से हैं और वर्तमान में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) के छात्र हैं, को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन दोनों युवाओं के नेतृत्व में संगठन उन भारतीय युवाओं के लिए अवसर प्रदान करेगा, जो विदेश में रहते हुए भी भारत से जुड़े रहना चाहते
इसके अलावा, संगठन ने एक आधिकारिक वेबसाइट भी लॉन्च की है, जो ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय युवाओं को भारत से जुड़े रहने, विचार-विमर्श में भाग लेने और विकासशील पहलों में योगदान देने का अवसर देगी।
प्रवासी भारतीयों की नई पीढ़ी, जो विभिन्न देशों में शिक्षा और करियर के अवसर तलाश रही है, अक्सर अपनी जड़ों से दूर हो जाती है। ऐसे में इस तरह की पहल न केवल उन्हें भारत की संस्कृति और विरासत से जोड़ेगी, बल्कि उन्हें भारत के विकास में भागीदारी का अवसर भी देगी।