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Army Major Terminated : Whatsapp ग्रुप में ऐसा क्या था कि सेना के मेजर को राष्ट्रपति ने किया बर्खास्त ?

राष्ट्रपति ने सेना अधिनियम, 1950 के तहत शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए लगभग एक हफ्ते पहले मेजर की सेवाओं को खत्म करने के आदेश पर दस्तखत कर दिए थे । सेवा समाप्ति का आदेश सितंबर में जारी किया गया था और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इसे अधिसूचित किया गया ।

भारतीय सेना हर मोर्चे पर हर वक्त देश की सुरक्षा के लिए तैनात रहती है । अनुशासन के मामले में सेना की अपनी ही एक अलग बेहद सख्त प्रणाली होती है । देश के लिए वफादारी सेना की पहचान होती है लेकिन अब एक सैन्य अधिकारी से जुड़ी जो खबर सामने आई वो आपको भी हैरान कर देगी क्योंकि देश में इस तरह के मामले बिल्कुल न के बराबर ही सुनने को मिलते हैं । असल में हुआ कुछ यूं कि तीनों सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक मेजर को राष्ट्रीय सुरक्षा उल्लंघन के एक मामले में दोषी पाया और उन्हें उनकी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया । जानकारी के मुताबिक, ये मेजर स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड में तैनात था । सेना ने बीते साल मार्च में मेजर की संदिग्ध गतिविधियों की जांच शुरू की थी, जब अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी दुश्मन से साझा करने समेत अन्य संदिग्ध गतिविधियों में उनकी कथित संलिप्तता के बारे में मालूम चला । राष्ट्रपति ने सेना अधिनियम, 1950 के तहत शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए लगभग एक हफ्ते पहले मेजर की सेवाओं को खत्म करने के आदेश पर दस्तखत कर दिए थे । सेवा समाप्ति का आदेश सितंबर में जारी किया गया था और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इसे अधिसूचित किया गया । इस मामले में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है । मेजर की बर्खास्तगी ‘बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स’ के निष्कर्ष पर आधारित थी, जिसे आरोप सामने आने के बाद जांच के लिए नियुक्त किया गया था । मेजर पर लगे आरोप सामने आने के बाद उन्हें बीते साल निलंबित कर दिया गया था । उस समय मेजर उत्तर भारत में एक एक एसएफसी यूनिट में तैनात थे । मेजर का सोशल मीडिया पर एक ऐसे ऑपरेटिव के साथ लिंक था, जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए काम करता था । सूत्रों की मानें तो मेजर के खिलाफ जासूसी में संभावित संलिप्तता समेत क्लासिफाइड जानकारी रखने और पाकिस्तान से ताल्लुक रखने वाले कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के साथ साझा करने का आरोप है । मेजर के फोन में जो जानकारी मिली है वो निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन है । राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल के संभावित उल्लंघन के मामले में एक ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी समेत लगभग तकरीबन डेढ दर्जन रक्षाकर्मियों की अलग से जांच चल रही है । वो लोग ‘पटियाला पेग’ नाम के व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे, जिसमें आरोपी मेजर भी शामिल थे । सेना की सोशल मीडिया नीतियों के कथित उल्लंघन के लिए ब्रिगेडियर समेत कुछ अधिकारियों के खिलाफ अगले कुछ हफ्तों में अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हो सकती है ।