पाकिस्तान में जाकर मोदी को हटाने की बात कहना हो, पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें नीच किस्म का आदमी कहना हो या फिर अपने बड़बोलेपन से कांग्रेस की लंका लगाना । मणिशंकर अय्यर इस मामले में चैंपियन हैं । कभी डिप्लोमैट रहे और मौजूदा वक्त में कांग्रेस के सीनियर नेता मणिशंकर अय्यर इन दिनों पाकिस्तान में हैं । लाहौर में हो रहे फैज़ फेस्टिवल में शिरकत करने गए हैं । अब महाशय ने पाकिस्तान में लंबा अरसा गुजारा है तो लाहौर उन्हें भूलता ही नहीं और फिर उनकी पैदाइश भी तो वहीं की है । अब अपनी जड़ों को याद रखना तो एक बात है लेकिन उसकी आड़ लेकर अपने देश को नीचा दिखाना कहीं से भी सही नहीं ठहराया जा सकता । मणिशंकर अय्यर के नजरिए से ‘पाकिस्तान से बातचीत न करना बीते 10 सालों में भारत की सबसे बड़ी गलती’ है । बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने की कोशिश में वो भारत की ताकत पर सवाल उठा देते हैं और उनकी ऐसी बातें हर भारतीय को चुभती हैं । मणिशंकर अय्यर का मानना है कि हमारे पास पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करने का तो साहस है, लेकिन मेज पर बैठकर उससे बात करने का साहस नहीं है ।” जिस आतंकी मुल्क के हाथ हमारे हजारों बेगुनाह नागरिकों और सेना के जवानों के खून से रंगे हैं ऐसे पाकिस्तान की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए अपने देश को कठघरे में खड़ा करना मणिशंकर अय्यर की पुरानी आदत है जिसके कारण उन्होंने एक बार फिर लाहौर में पाकिस्तान की तारीफ कर भारत को नीचा दिखाने की कोशिश की । उन्होंने कहा कि कभी किसी देश में उनका इतना खुली बांहों से स्वागत नहीं किया गया जितना पाकिस्तान में किया जाता है । अय्यर ने कहा कि दोनों देशों के बीच सद्भावना होनी चाहिए थी लेकिन मोदी सरकार के राज में 10 सालों में इसका उल्टा हुआ है । इसके बाद अय्यर भारत के चुनावी सिस्टसम की ‘खामी’ गिना देते हैं । वो पाकिस्तानियों से कहते हैं कि मोदी को कभी एक तिहाई से ज्यादा वोट नहीं मिले हैं, लेकिन हमारा सिस्टम ऐसा है कि अगर उनके पास एक तिहाई वोट भी हैं, तो उनके पास दो-तिहाई सीटें आ जाती हैं । तो दो तिहाई भारतीय आपकी तरफ आने को तैयार हैं । मणिशंकर अय्यर की जुबान कांग्रेस के लिए कई बार मुसीबत खड़ी कर चुकी है । 2004 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने वीर सावरकर की तुलना जिन्ना से करके सियासी तूफान खड़ा कर दिया था । उस वक्त तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह और पूरी कैबिनेट ने अय्यर के बयान से पल्ला झाड़ लिया था । कांग्रेस के लिए मणिशंकर अय्यर के ये बयान हमेशा आत्मघाती रहे हैं लेकिन फिर भी पार्टी नेतृत्व की चुप्पी बताती है कि कहीं न कहीं उनके प्रश्रय के कारण ही मणिशंकर अय्यर ऐसी ओछी बातें कर पाते हैं ।