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Mohan Bhagwat RSS Rally : विजय पर्व पर बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत-मार्क्सवादियों पर मोहन भागवत का करारा प्रहार..

घ प्रमुख ने कहा कि कुछ समाज विरोधी विनाशकारी ताकतें अपने आपको सांस्कृतिक मार्क्सवादी या वोक यानी जगे हुए कहते हैं लेकिन मार्क्स को भी उन्होंने 1920 के दशक से ही भुलाया हुआ है । माध्यमों और अकादमियों पर नियंत्रण करके देशों की शिक्षा, संस्कार, राजनीति और सामाजिक वातावरण को भ्रम व भ्रष्टता का शिकार बनाना ही उनकी कार्यशैली है ।

आज विजयदशमी का त्योहार है । पूरे देश में हर्षोल्लास का माहौल है । हर साल की तरह इस बार भी विजयदशमी के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नागपुर में अपना विजयदशमी उत्सव आयोजित किया । RSS के इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक शंकर महादेवन मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे । इस दौरान सरसंघचालक मोहन भागवत ने रेशिमबाग मैदान में इस पारंपरिक विजयदशमी सभा को संबोधित किया । दशहरे के दिन आयोजित होने वाला ये कार्यक्रम आरएसएस का एक मुख्य कार्यक्रम होता है । इसमें पथ संचलन सुबह करीब 6 बजकर 20 मिनट पर सीपी, बरार कॉलेज गेट और रेशिमबाग मैदान से निकाला गया । विजयदशमी के साथ आरएसएस का ये कनेक्शन संगठन की स्थापना के समय से ही है । 1925 के सितंबर महीने में ही दशहरे के दिन डॉ केशव बलिराम हेडगेवार आरएसएस की स्थापना की थी । बीते साल के दशहरा कार्यक्रम में दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर दो बार चढ़ाई करने वाली दुनिया की पहली महिला पर्वतारोही संतोष यादव को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था । इस दौरान मोहन भागवत ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से लेकर भारत में आयोजित जी20 सम्मेलन तक की बात की । आरएसएस प्रमुख ने कहा कि एक राष्ट्र के प्रयास राष्ट्रीय आदर्शों से प्रेरित होते हैं । रामलला का एक मंदिर, जिसकी तस्वीर हमारे संविधान की मूल प्रति के एक पन्ने पर है, उसका निर्माण अयोध्या में किया जा रहा है । संघ प्रमुख ने कहा कि कुछ समाज विरोधी विनाशकारी ताकतें अपने आपको सांस्कृतिक मार्क्सवादी या वोक यानी जगे हुए कहते हैं लेकिन मार्क्स को भी उन्होंने 1920 के दशक से ही भुलाया हुआ है । माध्यमों और अकादमियों पर नियंत्रण करके देशों की शिक्षा, संस्कार, राजनीति और सामाजिक वातावरण को भ्रम व भ्रष्टता का शिकार बनाना ही उनकी कार्यशैली है । संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यहां एक और बड़ी बात कही कि दुनिया में कई लोग भारत को प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ता हुआ नहीं देखना चाहते । ऐसे लोग भारत में अलगाव की भावना पैदा करने की कोशिशों में लगे रहते हैं । इस तरह के लोग किसी एक विचारधारा के आवरण में मनभावन उद्देश्य घोषित करते हैं लेकिन अपना उल्लू सीधा करते हैं । तो आपको क्या लगता है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ऐसा कहकर किन लोगों पर निशाना साधा कौन हैं वो लोग जो भारत को आगे बढ़ता हुआ नहीं देख सकते । कमेंट करके जरूर बताएं । वीडियो अच्छी लगी हो तो लाइक करें, शेयर करें ।