newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

What is Hit & Run Law : क्या है नया हिट एंड रन कानून, जिसके खिलाफ बस-ट्रक ड्राइवर कर रहें हड़ताल…

पुराने कानून के मुताबिक ऐसे मामलों में ड्राइवर को जमानत भी मिल जाती थी और अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान था । कई बार हम देखते हैं कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अगर एक्सीडेंट करने वाला समय पर अस्पताल पहुंचा देता है तो उसकी जान बच जाती जबकि बहुत से लोग कानूनी झंझटों से बचने के लिए समय पर घायल की मदद नहीं करते ।

केंद्र की मोदी सरकार ने संसद के बीते शीतकालीन सत्र में हिट एंड रन से जुड़ा नया विधेयक पेश किया था । इस बिल पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दस्तखत भी कर दिए हैं और अब ये भारतीय न्याय संहिता के तहत नया कानून बन चुका है लेकिन अब सरकार के सामने समस्या ये है कि इस नए कानून में जो प्रावधान जोड़े गए हैं, उनका देशभर में विरोध हो रहा है । इस नए कानून के तहत हिट एंड रन मामले में अगर ड्राइवर हादसे के बाद फरार हो जाता है और एक्सीडेंट में किसी की मौत हो जाती है तो ड्राइवर को दस साल की कैद की सजा का प्रावधान है । सजा के अलावा इस केस में जुर्माने का भी प्रावधान है । नए कानून में ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई वाले प्रावधान को लेकर ड्राइवर विरोध कर रहे हैं । तो चलिए जानते हैं कि क्या है ‘हिट एंड रन’ का ये नया कानून और क्यों इसके खिलाफ इतनी बड़ी संख्या में ड्राइवर इसका विरोध कर रहे हैं । हिट एंड रन का सीधा सा मतलब है कि एक्सीडेंट के बाद ड्राइवर का गाड़ी के साथ मौके से फरार हो जाना । अगर किसी की गाड़ी से किसी शख्स को टक्कर लग गई और उस वक्त अगर घायल की मदद करने के बजाय ड्राइवर गाड़ी लेकर वहां से भाग जाता है तो ऐसे केस हिट एंड रन में गिने जाते हैं । ऐसे केस में ही सख्ती का प्रावधान किया गया है । पुराने कानून के मुताबिक ऐसे मामलों में ड्राइवर को जमानत भी मिल जाती थी और अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान था । कई बार हम देखते हैं कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अगर एक्सीडेंट करने वाला समय पर अस्पताल पहुंचा देता है तो उसकी जान बच जाती जबकि बहुत से लोग कानूनी झंझटों से बचने के लिए समय पर घायल की मदद नहीं करते । अब भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन कानून में जो नए प्रावधान किए गए वो कहते हैं कि अगर ड्राइवर दुर्घटना के बाद पुलिस को सूचना दिए बिना फरार होता है तो उसे 10 साल की सजा होगी, इसके अलावा भारी भरकम जुर्माना भी वसूला जाएगा । इस कड़े प्रावधान का देशभर के ट्रक, ट्रेलर, बस और टैक्सी ड्राइवर विरोध कर रहे हैं । पंजाब, हिमाचल समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में इस नए कानून के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं और हाइवे जाम किए जा रहे हैं । हिट एंड रन के मामलों में सरकार यूं ही सख्ती नहीं बरत रही है । दुर्घटना के आंकड़ों के मुताबिक, हिट एंड रन के मामलों में हर साल देश में 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है । मौतों के इन आंकड़ों को देखते हुए ड्राइवरों पर सख्ती करते हुए नए कानून में सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं । हालांकि नए कानून का विरोध करने वाले ड्राइवरों का कहना है कि अगर दुर्घटना के बाद वे मौके से फरार होते हैं तो उन्हें 10 साल की सजा हो जाएगी और अगर वो मौके पर ही रुक जाते हैं तो भीड़ उन पर हमला करके उन्हें पीट-पीट कर मार देगी । ड्राइवरों के लिए तो ये आगे कुआं और पीछे खाई वाली स्थिति हो गई और एक तरह से ये बात सही भी है कि कई बार उग्र भीड़ हिंसक रूप ले लेती है और मामला मॉब लिंचिंग तक का हो जाता है । सरकार ने सड़क हादसे में घायल व्यक्ति की मदद करने वाला नियम तो बना दिया लेकिन साथ ही इन ड्राइवरों की बात भी सरकार को सुननी चाहिए ताकि इनकी समस्या का भी निदान हो और जाम की परेशानी से भी लोगों को मुक्ति मिले ।