नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में इन सियासी हलचल तेज नजर आ रही है। कभी योगी सरकार की कैबिनेट में बड़े स्तर पर बदलाव की बात होती तो कभी उत्तर प्रदेश के बंटवारे की बात। ऐसे में सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि, 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्वांचल और बुंदेलखंड को अलग कर दिया जाएगा। बता दें कि इन मैसेज को लोग गंभीर इतने हैं कि वो यूपी के दो भांगों में बंटने की बात सीरियस लेकर डिसकशन शुरू हो गया है। बता दें कि इस वायरल मैसेज की चर्चा इसलिए भी जोरों पर हैं क्योंकि अगले साल यूपी विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे में सीएम योगी का पीएम मोदी, अमित शाह, और जेपी नड्डा से मुलाकात करना भी इस बात को जोर देता है। फिलहाल यूपी सरकार की तरफ से इस मैसेज को लेकर कोई पुष्टि नहीं की नही है।
वहीं यूपी के बंटवारे को लेकर उत्तर प्रदेश सूचना विभाग ने इस वायरल मैसेज का खंडन किया है। सूचना विभाग ने फैक्ट चेक करते हुए ट्वीट जानकारी दी है कि, यूपी के बंटवारे की खबर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल है। उत्तर प्रदेश के विभाजन को लेकर जताई जा रही आशंका निराधार है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भ्रामक खबरों का प्रसार करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मौजूदा हालात में यूपी के बंटवारे का वायरल मैसेज गलत पाया गया है। वहीं यह पहला मौका नहीं है कि जब उत्तर प्रदेश के कई हिस्से करने की बात सामने आई है। इससे पहले 2011 में जब यूपी में बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र सरकार को यूपी बंटवारे के लिए प्रस्ताव भेजा था। हालांकि उस वक्त केंद्र की कांग्रेस सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।