नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर खबरों के प्रसार के साथ-साथ फेक खबरों की एंट्री भी समय-समय पर भ्रम की स्थिति पैदा करती रही है। एकबार फिर एक बड़ी खबर के पीछे फेक खबर चलाई जा रही है। बता दें कि ये खबरें योगगुरु बाबा रामदेव के पतंजलि द्वारा तैयार की गई कोरोनिल और आयुष मंत्रालय से जुड़ी हैं।
क्या है वायरल खबर-
वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि आयुष मंत्रालय में दवाईयों पर रिसर्च और अप्रूवल देने वाले साइंटिफिक पैनल के टॉप 6 साइंटिस्टों का नाम पढ़िए। असीम खान, मुनावर काजमी, खादीरुन निसा, मकबूल अहमद खान, आसिया खानुम, शगुफ्ता परवीन। इस पोस्ट में आगे लिखा है बाकी समझ जाइए कि रामदेव के कोरोनिल दवा पर रोक क्यों लगी थी, यही है सिस्टम जिहाद..? दीक्षा पांडेय नाम के यूजर अकाउंट से इस पोस्ट को शेयर किया गया।
सच क्या है-
न्यूजरूमपोस्ट ने इस खबर की पड़ताल की तो पता चला कि वायरल पोस्ट में जिन सभी के नाम लिखे हैं वो यूनानी Central Council for Research in Unani Medicine जो Ministry of AYUSH के अधीन है, उनके साइंटफिक पर्सनल की लिस्ट से लिए गए हैं। यानि इसका उनसे कोई संबंध नहीं है। यूनानी विभाग अलग है।
दावा: एक ट्वीट में आरोप लगाया गया है कि आयुष मंत्रालय के वैज्ञानिक पैनल के कुछ व्यक्ति, कोरोना की एक कथित दवाई की स्वीकृति पर रोक लगा रहे हैं।#PIBFactCheck: @moayush में ऐसा कोई वैज्ञानिक पैनल नहीं हैं। pic.twitter.com/2iDRqOGRCf
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 27, 2020
एक और अफवाह-
आपको बता दें कि कोरोनिल के अप्रूवल को लेकर हाल ही में एक और भी पोस्ट वायरल की गई थी जिसमें ये दावा किया गया था कि ‘पतंजलि निर्मित कोरोनिल पर रोक लगाने वाले ‘डॉक्टर मुजाहिद हुसैन” को आयुष मंत्रालय ने हटा दिया,आयुष को बदनाम करने वाले मुजाहिद हुसैन जैसे लोग ही सिस्टम में बैठ कर आयुर्वेद को बदनाम करते हैं। यह पोस्ट भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई लेकिन सच्चाई सामने आ गई।
इस पोस्ट को लेकर पीआईबी फैक्टचेक टीम ने जानकारी दी कि आयुष मंत्रालय के अनुसार हाल ही के दिनों में किसी भी डॉक्टर या चिकित्सा अधिकारी को किसी भी ड्यूटी या सेवा से नहीं हटाया गया है।
दावा: पिछले दिनों एक घटना का हवाला देते हुए एक ट्विटर मैसेज में दावा किया है कि आयुष मंत्रालय से एक डॉक्टर को हटा दिया गया है।#PIBFactCheck: आयुष मंत्रालय के अनुसार हाल ही के दिनों में किसी भी डॉक्टर या चिकित्सा अधिकारी को किसी भी ड्यूटी या सेवा से नहीं हटाया है। pic.twitter.com/wzlZk09GQP
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 25, 2020
निष्कर्ष-
कोरोनिल को लेकर हटाए गए डॉक्टर और डॉक्टरों के पैनल संबंधी ये दोनों वायरल पोस्ट फेक हैं। खबरों की इस दुनिया में यह जरूर ध्यान रखें कि कहीं आप फेक खबर को प्रसार का साधन ना बन जाएं। लिहाजा पड़ताल के बाद ही खबरों को शेयर करें।