
कहते हैं कि इंसान के गुनाहों का अंत उसके वजूद के साथ ही हो जाता है. लेकिन किसी आदतन अपराधी का ये अंत सामान्य नहीं होता. वो या तो पुलिस की गोली से, आपसी रंजिश में या किसी गैंगवॉर में ही मारा जाता है. दिल्ली की तिहाड़ जेल से भी आज एक ऐसा ही मामला सामने आया.