इस्लामाबाद। आटा, तेल की किल्लत। पेट्रोल और डीजल का हर लीटर 240 रुपए से ज्यादा। पाकिस्तान की खराब माली हालत से जनता लगातार पिस रही है। अब जनता पर एक और मार पड़ने के पूरे आसार दिख रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार से बिजली की कीमत भी बढ़ाने के लिए कहा है। आईएमएफ की इस मांग को अगर शहबाज शरीफ ने माना, तो बिजली की कीमत में 12 रुपए प्रति यूनिट की बढ़ोतरी होगी। आईएमएफ ने कहा है कि उसकी सभी मांगें मानने के बाद ही पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने का फैसला होगा।
आईएमएफ की ये मांगें पीएम शहबाज शरीफ के गले में हड्डी की तरह अटक गई हैं। अगर मांग न मानें, तो पाकिस्तान के दिवालिया होने में देर नहीं लगेगी। अगर मांग मान लेते हैं, तो जनता के उठ खड़े होने का खतरा है। आम चुनाव अगस्त में होने हैं। ऐसे में शहबाज शरीफ के लिए आम लोगों पर बोझ डालना भी बड़ा संकट का कारण बन सकता है। शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा कि आईएमएफ की शर्तों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान कल्पना से परे चुनौतियों का सामना कर रहा है। शहबाज ने कहा कि मेरे वित्त मंत्री इशाक डार और उनकी टीम जिन मुश्किलों से गुजर रहे हैं, उसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता।
बता दें कि आईएमएफ का प्रतिनिधिमंडल आजकल पाकिस्तान में है। पाकिस्तान ने आईएमएफ से 7 अरब डॉलर का कर्ज मांगा है। 9 फरवरी को आईएमएफ का दल वित्त मंत्री इशाक डार से मिलने वाला है। पाकिस्तान पहले ही आईएमएफ की शर्त को मानते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमत में 16 फीसदी बढ़ोतरी कर चुका है। रसोई गैस की कीमत भी 30 फीसदी बढ़ाई गई है। विदेशी मुद्रा भंडार भी पाकिस्तान के पास कम बचा है। सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के पास अब 18 दिन का खर्च निकालने लायक 3.09 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा ही रह गई है।