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America and United Nations Gave Instructions To Bangladesh : अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों को लेकर बांग्लादेश को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने दी हिदायत

America and United Nations Gave Instructions To Bangladesh : संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश की अतंरिम सरकार से सख्त लहजे में कहा कि वो उनके देश में रहने वाले सभी धर्मों के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा करें। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने भी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को फोन कर उनके समक्ष अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार का मुद्दा उठाया है।

नई दिल्ली। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो हमले और अन्य समुदायों के साथ अत्याचार पर अब संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने आपत्ति जताई है। संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश की अतंरिम सरकार से सख्त लहजे में कहा कि वो उनके देश में रहने वाले सभी धर्मों के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा करें। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने भी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को फोन कर उनके समक्ष अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार का मुद्दा उठाया है। बांग्लादेश ने इस संबंध में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है।

अमेरिका के डेमोक्रेटिक पार्टी के भारतीय मूल के सांसद श्री थानेदार ने भी हाल ही में व्हाइट हाउस से अपील की थी कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और मंदिरों में तोड़ फोड़ के मामले को उठाया जाए। आपको बता दें कि बांग्लादेश में अल्पंसख्यक हिंदुओं को वहां के कट्टरपंथी बहुसंख्यक समुदाय के लोगों द्वारा लगातार निशाना बनाया जा रहा है। मंदिरों पर भी कट्टरपंथियों द्वारा हमला आम बात हो गई है। बांग्लादेश की सरकार अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मुहैया कराने में विफल साबित हो रही है। और तो और बांग्लादेश सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने हिंदुओं पर हो रहे हमलों को नकारते हुए कहा कि भारतीय मीडिया इसे बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रही है।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना जो इस वक्त भारत में शरण लिए हुए हैं उन्होंने भी हाल ही में मोहम्मद यूनुस पर निशाना साधा था। इसके बाद बांग्लादेश सरकार की तरफ से भारत को शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग वाला एक पत्र लिखा गया। बांग्लादेश पहले भी शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग भारत से कर चुका है। तख्तापलट के बाद शेख हसीना ने जान बचाने के लिए देश छोड़ दिया था और उन्होंने भारत से शरण देने की गुहार लगाई थी। उसके बाद से हसीना भारत में ही हैं।