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Russia Revolt USA Connection: अमेरिका को पहले ही थी प्रिगोझिन के मंसूबों की जानकारी, रूस में बगावत को लेकर सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

Russia Revolt USA Connection: रूस में परिस्थितियां शुक्रवार की रात बेहद खराब हो गई थी। उस समय बगावती रुख अपनाने वाले येवेनी प्रीगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्रालय पर वैग्नर शिविर पर मिसाइल हमला करने का आरोप जड़ दिया था और जवाबी कार्रवाई करने को लेकर चेतावनी भी दी थी। हालांकि मंत्रालय ने इस आरोप से इनकार किया और ये भी कहा कि प्रिगोझिन उकसावे की राजनीति कर रहे हैं। इसके कुछ घंटे बाद ही वैग्नर सैनिकों ने दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में सैन्य फैसिलिटी पर कब्जा कर लिया था। लेकिन अब मामला शांत होता नजर आ रहा है।

नई दिल्ली। रूस की राजधानी मॉस्को की तरफ बढ़ रहे भाड़े के विद्रोही सैनिक गुट ने अपने कुछ को शनिवार को रोक दिया। व्लादिमीर पुतिन के विरुद्ध बगावत को रोका क्यों गया इसके पीछे की असल वजह बेलारूस की दखलंदाजी है। वेग्नर ग्रुप के प्रमुख ने जैसे ही अपने निजी सैनिकों को मॉस्को की तरफ बढ़ने से रोका तो रूस में उत्पन्न राष्ट्रीय संकट खत्म हो गया। लेकिन इस बीच एक ऐसी चौंकाने वाली खबर भी सामने आई है जिससे ये संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिका भी इस पूरी बगावत की साजिश में शामिल हो सकता है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने शनिवार को सूत्रों के हवाले से जानकारी देते हुए ये बताया कि अमेरिकी सीक्रेट एजेंसियों को पहले ही इस बात की भनक थी कि वेग्नर ग्रुप का प्रमुख प्रिगोझिन अपने सैनिकों के साथ रूस की सरकार के विरोध में बड़ा कदम उठा सकता है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि रूस में हुई इस बगावत पर नाम न छापने की शर्त पर अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन और सैन्य कमांडरों को बुधवार को ही वैग्नर की तैयारियों के विषय में पहले ही सूचना मिल चुकी थी। जैसे ही कुछ और जानकारी मिली तो गुरुवार को भी एक और ब्रीफिंग आयोजित की गई जिसमें कांग्रेस नेताओं के एक समूह ने भाग लिया था। अमेरिकी खुफिया ने कांग्रेस के नेताओं को हाल के दिनों में रूस की सीमाओं के पास ‘संभावित रूप से परेशान करने वाली’ वैगनर पीएमसी गतिविधियों और उपकरण निर्माण के बारे में जानकारी दी गई थी। प्रिगोझिन काफी समय से हथियार और गोला-बारूद जमा करके इसकी तैयारी कर रहा था। हालाँकि, पश्चिमी अधिकारी अभी भी रूस की घटनाओं से आश्चर्यचकित नजर आ रहे थे।

गौर करने वाली बात ये है कि रूस में परिस्थितियां शुक्रवार की रात बेहद खराब हो गई थी। उस समय बगावती रुख अपनाने वाले येवेनी प्रीगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्रालय पर वैग्नर शिविर पर मिसाइल हमला करने का आरोप जड़ दिया था और जवाबी कार्रवाई करने को लेकर चेतावनी भी दी थी। हालांकि मंत्रालय ने इस आरोप से इनकार किया और ये भी कहा कि प्रिगोझिन उकसावे की राजनीति कर रहे हैं। इसके कुछ घंटे बाद ही वैग्नर सैनिकों ने दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में सैन्य फैसिलिटी पर कब्जा कर लिया था। लेकिन अब मामला शांत होता नजर आ रहा है। बेलारूस की मध्यस्थता के कारण ऐसा संभव हुआ है। भाड़े के सैनिकों ने उन स्थानों को खाली करना शुरू कर दिया है जो कब्जे में लिए गए थे।