
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के हुक्मरान और नेता कभी नहीं चाहते कि भारत से अच्छे संबंध बनें। इसी वजह से जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान लगातार आतंकवाद फैलाने की कोशिश करता रहता है। वहीं, जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने के कुचक्र में पाकिस्तान की सरकार और वहां के नेता भी जुटे रहते हैं। इसी के तहत पाकिस्तान की संसद में मंगलवार को प्रस्ताव पास कराया गया। प्रस्ताव में कहा गया कि जम्मू-कश्मीर में भारत जनमत संग्रह कराए। शहबाज शरीफ की पाकिस्तान सरकार ने कश्मीर मामलों का मंत्रालय बनाया हुआ है और उसके मंत्री अमीर मुकाम ने पाकिस्तान की संसद में प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव में ये भी कहा गया कि कश्मीर के लोगों के खुद के निर्णय के हक के लिए पाकिस्तान लगातार नैतिक, राजनीतिक और राजनयिक समर्थन देता रहेगा।
एक बार फिर भारत विरोधी कदम उठाते हुए पाकिस्तान सरकार ने संसद में पास कराए प्रस्ताव में ये भी कहा है कि हिरासत में लिए गए कश्मीर के नेताओं को रिहा किया जाए। साथ ही कश्मीर में दमनकारी कानून लागू करने का आरोप भी लगाया है। प्रस्ताव में पाकिस्तान की सरकार ने आतंकियों को बहादुर कश्मीरी बताते हुए उनके मारे जाने पर श्रद्धांजलि भी दी। पाकिस्तान की संसद ने जो प्रस्ताव पास किया, उसमें भारत पर कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप भी लगाया गया है। इस प्रस्ताव के दौरान मंत्री अमीर मुकाम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े विवाद को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र भूमिका निभाए।
भारत ने हमेशा ही कहा है कि वो कश्मीर मसले पर बातचीत करना चाहता है, लेकिन वहां जनमत संग्रह नहीं कराएगा। भारत का कहना है कि पाकिस्तान को कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके को वापस करना और आतंकवाद को बंद करना चाहिए। वहीं, पाकिस्तान ने कश्मीर को हासिल करने के लिए जम्मू-कश्मीर में लगातार आतंकवाद को शह दी। पंजाब में भी 80 के दशक में पाकिस्तान ने खालिस्तान आंदोलन उपजाकर गड़बड़ी फैलाई थी। जिसे सख्ती से कुचल दिया गया था। पाकिस्तान ने कश्मीर के मसले पर भारत से 1948 में जंग लड़ी। साथ ही करगिल युद्ध भी किया। उसे भारत ने हमेशा सबक सिखाया। बावजूद इसके पाकिस्तान अपनी भारत विरोधी गतिविधियां नहीं छोड़ रहा है। जम्मू-कश्मीर संबंधी भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने से पाकिस्तान को और मिर्ची लगी है। जिसकी वजह से वो बौखलाकर बयानबाजी करता है। बीते दिनों पाकिस्तान के दोस्त तुर्की के राष्ट्रपति रेसिप तैय्यप अर्दोआं जब पाकिस्तान के दौरे पर आए थे, तब उन्होंने भी कश्मीर मसले पर पाकिस्तान की भाषा बोली थी। इसके बाद ही पाकिस्तान की सरकार ने संसद में कश्मीर पर प्रस्ताव पास कराया है।