
सिडनी। होली सिर्फ भारत में ही नहीं, विदेश में भी बड़े पैमाने पर मनाई जाती है। ऑस्ट्रेलिया में भी 15 मार्च को होली का त्योहार मनाया गया। यहां सिडनी के केम्प्स क्रीक में हाल ही में खुले बीएपीएस श्री स्वामीनारायण हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर में होली के अवसर पर ‘फूलडोल उत्सव’ मनाया गया। सिडनी के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में हुए इस कार्यक्रम में हजारों लोगों ने शिरकत की। ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड और जापान से आए बीएपीएस के श्रद्धालुओं ने भी फूलडोल उत्सव में हिस्सा लिया।
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पीएम एंथनी अल्नबनीज ने नई सांस्कृतिक धरोहर का अभूतपूर्व प्रभाव बताया
बीएपीएस के फूलडोल उत्सव में शामिल होकर ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज ने होली के अवसर पर हुए महोत्सव के जरिए गहरा संदेश देने की सराहना भी की। एंथनी अल्बनीज ने कहा कि होली का पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। उन्होंने इसे ऐसी आशा बताया, जो हमें निरंतन प्रेरित करती है। ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने इसे शानदार विकास का अद्भुत उदाहरण बताया। निकट भविष्य में पूर्ण होने वाले वेस्टर्न सिडनी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास स्थित इस सांस्कृतिक परिसर ने उत्सव के लिए एक भव्य पृष्ठभूमि प्रदान की। एंथनी अल्बनीज ने कहा कि “यह मंदिर केवल एक उपासना स्थल नहीं है, बल्कि यह शांति, आत्मीयता और अपनत्व का स्थान है, जहां हर व्यक्ति अपने धर्म और पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना खुद को घर जैसा महसूस करता है।”
फूलडोल महोत्सव: रंगों, संस्कृति और आध्यात्मिकता का संगम
होली के भव्य आयोजनों के अंतर्गत फूलडोल महोत्सव विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। यह संगीत, नृत्य, पारंपरिक प्रस्तुतियों और रंगों की अद्भुत छटा से परिपूर्ण था। यह त्योहार न केवल अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है, बल्कि नवजीवन एवं आत्मशुद्धि का संदेश भी देता है। बीएपीएस के प्रवक्ता ने कहा कि “फूलडोल उत्सव हमारे समुदाय के लिए एक विशेष अवसर है। बीते 115 वर्षों में यह केवल दूसरी बार भारत से बाहर मनाया गया है। सिडनी में इसे इतने भव्य रूप में देखना वास्तव में अद्वितीय है।” ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज ने भी इस कार्यक्रम का वीडियो अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया है।
Happy Holi! pic.twitter.com/7DLxjoqscr
— Anthony Albanese (@AlboMP) March 15, 2025
महंत स्वामी महाराज ने दिया दिव्य आशीर्वाद
बीएपीएस के आध्यात्मिक गुरु परम पूज्य महंत स्वामी महाराज (92 वर्ष) ने अपने पावन आशीर्वाद से इस महोत्सव की शोभा बढ़ाई। उन्होंने श्रद्धालुओं पर पवित्र जल का छिड़काव कर आयोजन को आध्यात्मिक रूप से और भी दिव्य बना दिया। बीएपीएस प्रवक्ता ने कहा, “परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की उपस्थिति श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय आशीर्वाद है। यह त्योहार केवल रंगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आस्था, एकता और सामूहिक आनंद का प्रतीक भी है।” वहीं, पीएम एंथनी अल्बनीज ने परम पूज्य स्वामी महाराज की शिक्षाओं पर चिंतन करते हुए यहां के दौरे का समापन किया। उन्होंने कहा कि “परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने हमेशा सिखाया है कि एकता में शक्ति है। जब दिल एक होते हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं होता।” समाज के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा
फूलडोल महोत्सव केवल रंगों का उत्सव नहीं था, बल्कि यह ऑस्ट्रेलियाई समुदाय के साथ भारतीय परंपराओं को साझा करने और अपनी आध्यात्मिक जड़ों से फिर जुड़ने का एक अवसर भी था।
बता दें कि परम पूज्य महंत स्वामी महाराज बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के छठे आध्यात्मिक गुरु और भगवान स्वामीनारायण के दिव्य उपदेशों के सजीव स्वरूप हैं। वे विश्वभर के लाखों श्रद्धालुओं के मार्गदर्शक हैं और अपनी ज्ञान, विनम्रता एवं करुणा के लिए अत्यंत पूजनीय हैं। 92 वर्ष की आयु में उनकी यह ऑस्ट्रेलिया यात्रा ऐतिहासिक एवं बहुप्रतीक्षित है। इस यात्रा के दौरान वे महान पर्वों और धार्मिक अनुष्ठानों का नेतृत्व करेंगे, जिससे ऑस्ट्रेलिया में हिंदू समुदाय को आध्यात्मिक मार्गदर्शन मिलेगा। बीएपीएस वैदिक परंपराओं में निहित एक वैश्विक हिंदू संगठन है। यह आध्यात्मिकता, सेवा और समाज कल्याण को समर्पित एक स्वयंसेवी संगठन है, जो श्रद्धा, एकता और निःस्वार्थ सेवा के सिद्धांतों पर आधारित है। 1984 में स्थापित बीएपीएस के ऑस्ट्रेलिया के सभी प्रमुख शहरों में मंदिर और 50 से अधिक उपासना केंद्र हैं।