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China On Next Dalai Lama: ‘बगैर हमारी मंजूरी और पहचान के अगले दलाई लामा को मान्यता नहीं’, चीन सरकार ने मौजूदा तिब्बती धर्मगुरु के एलान को मानने से किया इनकार

China On Next Dalai Lama: दलाई लामा का 90वां जन्मदिन 6 जुलाई को है। उनका जन्म 1935 में हुआ था। अपने जन्मदिन से पहले दलाई लामा ने एलान किया कि परंपरा के मुताबिक उनका उत्तराधिकारी चुना जाएगा। अगले दलाई लामा के चुनाव के लिए उन्होंने गादेन फोडरंग ट्रस्ट भी बनाया है। दलाई लामा ने अगले दलाई लामा की पहचान और पद सौंपने का अधिकार गादेन फोडरंग ट्रस्ट को ही दिया है। इसमें कोई अन्य व्यक्ति या संस्था का कोई हस्तक्षेप नहीं हो सकता।

बीजिंग। तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाई लामा और चीन के बीच एक बार फिर ठन गई है। मौजूदा दलाई लामा ने बुधवार को एलान किया कि उनके बाद नया दलाई लामा चुना जाएगा और उनके चुनाव में चीन का कोई दखल नहीं होगा। वहीं, चीन ने दलाई लामा के इस एलान पर प्रतिक्रिया दी है। चीन की सरकार ने कहा है कि जो भी अगला दलाई लामा होगा, उनको चीन की सरकार से इस पद को संभालने की मंजूरी लेनी होगी। चीन की सरकार ने ये भी कहा है कि अगले दलाई लामा को चीन में ही अपनी पहचान भी देनी होगी।

चीन सरकार और दलाई लामा के बीच ये अदावत उस वक्त से है, जब चीन ने तिब्बत पर कब्जा जमा लिया था। चीन सरकार ने मौजूदा दलाई लामा के आने-जाने और बौद्ध धर्म का पालन करने पर कई प्रतिबंध लगाए थे। दलाई लामा की जान को भी खतरा हो गया था। नतीजे में मौजूदा दलाई लामा साल 1959 में अपने हजारों अनुयायियों के साथ भागकर भारत आ गए। उस वक्त पीएम रहे जवाहरलाल नेहरू ने दलाई लामा और उनके अनुयायियों को भारत में शरण दी। दलाई लामा और तिब्बत से आए अनुयायियों के परिवार अभी हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रहते हैं। पहले कई बार ऐसी खबरें आईं कि दलाई लामा और चीन सरकार में समझौते के लिए बातचीत चल रही है, लेकिन हकीकत में दोनों ही एक-दूसरे का विरोध करते हैं।

दलाई लामा का 90वां जन्मदिन 6 जुलाई को है। उनका जन्म 1935 में हुआ था। अपने जन्मदिन से पहले दलाई लामा ने एलान किया कि परंपरा के मुताबिक उनका उत्तराधिकारी चुना जाएगा। अगले दलाई लामा के चुनाव के लिए उन्होंने गादेन फोडरंग ट्रस्ट भी बनाया है। दलाई लामा ने कहा है कि उनके उत्तराधिकारी यानी दलाई लामा के पद का संचालन भविष्य में भी होता रहेगा। अगले दलाई लामा की पहचान और पद सौंपने का अधिकार गादेन फोडरंग ट्रस्ट को ही दिया गया है। इसमें कोई अन्य व्यक्ति या संस्था का कोई हस्तक्षेप नहीं हो सकता। इस एलान के बाद अब चीन ने साफ कर दिया है कि अगर उसकी मंजूरी न ली गई, तो अगले दलाई लामा को वो मान्यता नहीं देगा। हालांकि, फिलहाल यही लगता है कि मौजूदा दलाई लामा की तरह उनके उत्तराधिकारी भी भारत में ही रहेंगे।