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अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को लेकर चीन की चालबाजी आई सामने

नई दिल्ली। दुनियाभर में एक तरफ कोरोना का संकट फैला हुआ है, लाखों लोगों की जान जा चुकी है, लाखों लोग इसकी चपेट में हैं, लेकिन इसके बीच भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। आए दिन चीन ऐसी चालबाजी दिखाता रहता है कि इस देश पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। …

China President Xi Jinping

नई दिल्ली। दुनियाभर में एक तरफ कोरोना का संकट फैला हुआ है, लाखों लोगों की जान जा चुकी है, लाखों लोग इसकी चपेट में हैं, लेकिन इसके बीच भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। आए दिन चीन ऐसी चालबाजी दिखाता रहता है कि इस देश पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। अब एक बार फिर से चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को लेकर अपनी बदमाशी दिखाई है।

India-China-relations

 

बता दें कि चीन ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा के अंदर अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को शामिल किया है। स्काई मैप की ओर से जारी चीन के नए नक्शे से इसका पता चला है। डीडब्ल्यू की एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि स्काई मैप चीन की अथॉरिटी है, जो डिजिटल नक्शे तैयार करती है। इसकी तरफ से नया नक्शा तैयार किया गया है। स्काई मैप को बीजिंग स्थित नेशनल सर्वेइंग एंड मैपिंग जियोग्राफिक इनफॉर्मेशन ब्यूरो की तरफ से संचालित किया जाता है।

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दरअसल भारत और तिब्बत के बीच मैकमोहन रेखा निर्धारित होने के बाद 1938 में तिब्बत को औपचारिक रूप से भारत में शामिल किया गया था। मगर चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा मानता है, जिस पर उसने 1951 में कब्जा कर लिया था। चीन का नया नक्शा स्काई मैप के सन 1989 वाले संस्करण पर आधारित है। चीन ने उसके बाद से रूस और मध्य एशिया के दूसरे देशों के साथ अपने सीमा विवाद को सुलझा लिया था। लेकिन नए नक्शे में किसी का भी जिक्र नहीं है।

स्काई मैप ने अभी देश के स्तर पर ही इस भौगोलिक जानकारी को अपडेट किया है। इस नक्शे में कुछ देशों के साथ लगती राष्ट्रीय सीमा को विशेष रूप से तिब्बत क्षेत्र में भूटान और भारत की सीमा को लाल रंग से चिह्न्ति किया गया है। चीन ने तिब्बत पर अपनी संप्रभुता का दावा किया है। भारत और भूटान की सीमाएं पूर्व से पश्चिम तक मिलती हैं। इसमें च्याउ काउंटी, लिन्जी शहर की मेडोग काउंटी, क्वोना काउंटी, शन्नान शहर की लुओजा काउंटी, कंगमा काउंटी, जिगोंग शहर की यादोंग काउंटी शामिल हैं।

shi jinping

बता दें कि शिनजियांग प्रांत से सीमा लगने वाले अक्साई चिन पर चीन ने कब्जा किया हुआ है, जो करीब 37,000 वर्ग किलोमीटर के दायरे में है। यह हिस्सा जम्मू कश्मीर के तहत आता है।