
बीजिंग। डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से टैरिफ को बढ़ाकर 125 फीसदी किए जाने पर चीन ने दो तरह की प्रतिक्रिया दी है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा है कि उनका देश पीछे नहीं हटेगा। चीन सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ पूरी दुनिया के खिलाफ हैं और इससे नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को गंभीर नुकसान पहुंचेगा। लिन जियान ने कहा कि ट्रंप के टैरिफ फैसले को जनता का भी समर्थन हासिल नहीं है और आखिरकार ये विफल साबित होगा। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि हम वैध अधिकारों और हितों से अपने देश के लोगों को वंचित नहीं होने देंगे।
When asked about recent comments made by US Treasury Secretary Scott Bessent, who criticized Spanish Economy Minister Carlos Cuerpo’s suggestion that Europe should more closely align with China in response to US tariffs, claiming: “That would be cutting your own throat,” Chinese… pic.twitter.com/LqMx7K5BOq
— Global Times (@globaltimesnews) April 10, 2025
दूसरी तरफ, चीन के वाणिज्य मंत्रालय की प्रवक्ता हे योंगकियान ने अमेरिका से आग्रह किया है कि वो टैरिफ मुद्दे और व्यापार युद्ध को रोकने के लिए उनके देश से मिले। योंगकियान ने कहा कि बातचीत का दरवाजा खुला है, लेकिन ये चीन और अमेरिका के परस्पर सम्मान और समान तरीके से संचालित होना चाहिए। चीन के वाणिज्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की तरफ से आए बयान पर डोनाल्ड ट्रंप की सरकार का रुख खबर लिखे जाने तक नहीं आया था। हालांकि, चीन पर टैरिफ बढ़ाने के बाद ट्रंप ने कम्युनिस्ट देश के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को स्मार्ट मैन भी बताया था। इससे साफ है कि टैरिफ का मुद्दा सुलझाने के लिए ट्रंप ने भी चीन के प्रति दरवाजे बंद नहीं किए हैं।
Chinese Ministry of Commerce Spokesperson He Yongqian responded to a question regarding whether #China has engaged in tariff negotiations with the #US. The spokesperson said that “If the US wants to talk, our door remains open, but dialogue must be conducted on the basis of… pic.twitter.com/AGvzwtQXxt
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डोनाल्ड ट्रंप ने पहले चीन पर 34 फीसदी टैरिफ लगाया था। इससे पहले से चीन पर अमेरिका ने 20 फीसदी टैरिफ लगा रखा था। जब चीन ने पलटवार कर अमेरिका पर 34 फीसदी टैरिफ लगाया, तो ट्रंप ने और 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया। इसके जवाब में चीन ने अमेरिका पर और 84 फीसदी टैरिफ लगाया। जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर कुल टैरिफ 125 फीसदी कर दिया। अमेरिका के टैरिफ से चीन की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है। साथ ही तमाम कंपनियां अपना सामान महंगा होने से बचाने के लिए चीन से फैक्ट्री खत्म कर भारत जैसे देशों का रुख कर सकती हैं। अगर चीन में मैन्युफैक्चरिंग को झटका लगा, तो इससे कम्युनिस्ट देश में बेरोजगारी भी बढ़ेगी और ये अर्थव्यवस्था पर दोहरा दबाव डालेगी।