भारत की यह बेटी कोरोना वैक्सीन की खोज में निभा रही अहम भूमिका
ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन खोजने की जो टीम बनाई गई है उसमें एक भारतीय मूल की वैज्ञानिक चंद्रबली दत्ता भी शामिल हैं। दत्ता कोलकाता में पैदा हुई थीं।
वॉशिंगटन। कोरोनावायरस हर गुजरते दिन के साथ पूरी दुनिया के लिए पहले से अधिक खतरनाक होता जा रहा है। इस महामारी के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था गड्ढे में जा चुकी है। मगर इसके बावजूद भी अभी उम्मीदें बाकी हैं। उम्मीदें उन रिसर्चर्स से जो दिन रात एक करके वैक्सीन बनाने की खोज में जुटे हुए हैं। इस महामारी के इलाज और वैक्सीन की खोज में 100 से ज्यादा देश जुटे हुए हैं लेकिन अभी तक किसी को सफलता नहीं मिली है।
ऐसे में ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन खोजने की जो टीम बनाई गई है उसमें एक भारतीय मूल की वैज्ञानिक चंद्रबली दत्ता भी शामिल हैं। दत्ता कोलकाता में पैदा हुई थीं।
उन्होंने कहा कि दुनिया की आशाओं के साथ मानवता की सेवा के लिए ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के पेशेवरों की जो टीम बनाई गई है उसमें जगह पाकर काफी सम्मानित महसूस कर रही हूं।
मूल तौर पर कोलकाता की रहने वाली चंद्रबली दत्ता विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टीट्यूट में क्लिनिकल बायोमेनक्योरिंग फैसिलिटी में काम करती हैं। यहीं पर कोरोना वैक्सीन के मानव परीक्षणों के चरण II और III में ChAdOx1 नाम के वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है।
अगर यह सफल रहता है तो कोरोना वायरस से लड़ने में दुनिया को अहम सफलता मिलेगी। ट्रायल सफल रहने पर यह कोरोना का संभावित वैक्सीन भी बन सकता है।
उन्होंने कहा कि क्वालिटी एश्योरेंस मैनेजर के रूप में काम करने का मतलब यह सुनिश्चित करना है कि परीक्षण के चरण में प्रगति होने से पहले सभी स्तरों के मानकों का अनुपालन पूरा किया जाए। दत्ता ने कहा, ”हम सभी उम्मीद कर रहे हैं कि यह अगले चरण में काम करेगा, पूरी दुनिया इस टीके को देख रही है।”