
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है उकसावे वाली कार्रवाई कर रहा है जिसका भारत भी जबर्दस्त जवाब दे रहा है। इस सबके बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को 1 अरब अमेरिकी डॉलर की किस्त जारी करने की मंजूरी दे दी। एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी के तहत आईएमएफ ने पाकिस्तान को राहत पहुंचाई है। उधर आईएमएफ के इस फैसले को लेकर लोग खासे नाराज हैं। भारत के अलावा अन्य देशों के लोग भी इसकी आलोचना कर रहे हैं।
$2.3B to Pakistan- the same regime that harbored Osama bin Laden, trains terrorists, funds attacks in India, destabilizes Afghanistan, and crushes Pashtun & Baloch voices. The IMF didn’t bail out an economy. It bankrolled bloodshed. How long will the world pay Pakistan to kill?…
— Mariam Solaimankhil (@Mariamistan) May 9, 2025
भारतीय वित्त मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आईएमएफ से मिले इस पैसों का दुरुपयोग पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने के अपने उद्देश्यों के लिए कर सकता है। निर्वासित अफगान सांसद मरियम सोलायमानखिल का कहना है कि आईएमएफ ने आर्थिक मदद देकर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को नहीं बचाया है बल्कि खून खराबे को बढ़ावा दिया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर वैश्विक समुदाय पाकिस्तान को दहशतगर्दी के लिए कब तक धन मुहैया कराएगा? जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी आईएमएफ के इस फैसले की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि एक तरफ आईएमएफ पाकिस्तान को धन दे रहा है और दूसरी तरफ पाकिस्तान उस पैसे का उपयोग पुंछ, राजौरी, उरी, तंगधार समेत अन्य स्थानों पर तबाही मचाने के लिए कर रहा है।
I’m not sure how the “International Community” thinks the current tension in the subcontinent will be de-escalated when the IMF essentially reimburses Pakistan for all the ordnance it is using to devastate Poonch, Rajouri, Uri, Tangdhar & so many other places.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 10, 2025
भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने तो आईएमएफ का फैसले को राजनीतिक रूप से संदिग्ध करार दिया। उन्होंने कहा कि आईएमएफ का कंट्रोल विदेशी ताकतों के हाथ में हैं जो अपने कोटा के साथ निर्णय लेने पर हावी होते हैं। यूक्रेन को दी गई तत्काल आर्थिक मदद इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। ओरआरएफ के सीनियर फेलो सुशांत सरीन ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा है कि, आईएमएफ को मौजूदा हालात के लिए काफी हद तक जिम्मेदार माना जाना चाहिए।