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Pakistan: ‘निजी सुख के लिए इस्तेमाल मत कीजिये स्वतः संज्ञान..पाकिस्तान में न्यायपालिका और सरकार के बीच तनातनी

नई दिल्ली। पाकिस्तान की सियासत में इस समय सबकुछ उलट पुलट हो रहा है। एक तरफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान तोशखाने केस को लेकर बुरी तरह फंसे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने स्वत: संज्ञान के अधिकार को लेकर शनिवार को बड़ा बयान दे दिया। आपको बता दें कि इस अधिकार …

नई दिल्ली। पाकिस्तान की सियासत में इस समय सबकुछ उलट पुलट हो रहा है। एक तरफ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान तोशखाने केस को लेकर बुरी तरह फंसे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने स्वत: संज्ञान के अधिकार को लेकर शनिवार को बड़ा बयान दे दिया। आपको बता दें कि इस अधिकार के बारे में बात करते हुए शाहबाज शरीफ ने ये भी कहा कि इस अधिकार का जो मूल उद्देश्य है वो है जनहित, तो सिर्फ इसी के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए न किसी खास व्यक्ति के लिए।

Shahbaz Shrif

आपको बता दें कि इस समय पाकिस्तान में सत्ता में बैठी शाहबाज शरीफ सरकार और न्यायपालिका के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है। एक तरफ तो पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) नीति सरकार सुप्रीम कोर्ट विधेयक 2023 को क़ानूनी रूप देने के प्रयास में जुटी है। जिसका मुख्य मकसद है पाकिस्तान के चीफ जस्टिस के स्वतः ही संज्ञान लेने की शक्ति में कमी लाना और आगे केस सभी मामलों की सुनवाई के लिए न्यायमूर्तियों के पैनल का गठन करना। सरकार के यही प्रयास दोनों संस्थानों न्यायपालिका और सरकार के बीच तनातनी का मूल कारण हैं।

गौर करने वाली बात ये है कि शुरुआत में इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया और कानूनी रूप देने के लिए इसे राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया। लेकिन, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से ताल्लुक रखने वाले राष्ट्रपति अल्वी ने इसे लौटाते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून संसद के दायरे से बहुत बाहर है। हालांकि, 10 अप्रैल को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में खान की पार्टी के सदस्यों के हंगामे के बीच यह विधेयक फिर से पारित हो गया। शुक्रवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने इस कानून को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था।