वॉशिंगटन। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका पर निशाना साधा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को वॉशिंगटन में कहा कि दुनिया बहुत वैश्विक है और इसके नतीजे में जरूरी नहीं कि राजनीति किसी देश की सीमा में रहे। जयशंकर से ये पूछा गया था कि अमेरिका के नेता भारत में लोकतंत्र के बारे में टिप्पणी करते हैं। इस पर उनका क्या कहना है। इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अमेरिका ये सुनिश्चित करने की खास कोशिश करता है कि राजनीति सिर्फ उस देश की सीमा के भीतर न रहे। उन्होंने कहा कि ये इसका हिस्सा है कि अमेरिका ने वर्षों से अपनी विदेश नीति कैसी रखी है।
#WATCH | Washington DC: When asked about US political leaders making comments about democracy in India, EAM Dr S Jaishankar says, “…One there is the reality and second is the handling of reality. The reality is the world is very globalised and as a result, politics does not… pic.twitter.com/3JAjqTf2nh
— ANI (@ANI) October 2, 2024
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि कुछ खिलाड़ी न सिर्फ अपने देश की राजनीति को आकार देना चाहते हैं, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर करने की कोशिश भी करते हैं। लोगों के बारे में रिपोर्ट लिखते और देशों को सुर्खियों में लाते हैं। जयशंकर ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि एक लोकतंत्र को दूसरे पर टिप्पणी करने का हक हो और ये वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा देने का हिस्सा बताया जाए। विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा कि जब दूसरे ऐसा करते हैं, तो ये विदेशी हस्तक्षेप बन जाता है। जयशंकर ने साफ कहा कि विदेशी हस्तक्षेप विदेशी हस्तक्षेप है। चाहे कोई भी और जहां भी करे। उन्होंने अमेरिका को नसीहत देते हुए कहा कि व्यक्तिगत विचार है कि आपको टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है, लेकिन मुझे आपकी टिप्पणी पर राय जताने का भी पूरा अधिकार है। जयशंकर ने कहा कि इसलिए जब मैं ऐसा करूं, तो बुरा न मानें।
विदेश मंत्री जयशंकर पहले भारत के विदेश सचिव भी रहे हैं। विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने कई बार यूरोपीय देशों को आईना भी दिखाया है। जयशंकर ने कई बार बयान देकर साफ कहा है कि भारत अपने ऊर्जा हित के लिए रूस से कच्चा तेल खरीदता रहेगा। जयशंकर ने यूरोपीय देशों के बारे में एक बार ये भी कहा था कि भारत की मुश्किल के वक्त उनमें से कभी कोई साथ खड़ा नहीं हुआ। इस बार उन्होंने अमेरिका के बारे में साफगोई से कहा है कि वो दूसरे देशों की राजनीति में दखलंदाजी करता है।