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Jaishankar Slams Pakistan: ‘भारत में आतंकवाद की पाकिस्तान को सजा भुगतनी होगी’, संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्री जयशंकर का एलान, चीन को भी लगाई फटकार

Jaishankar Slams Pakistan: जयशंकर ने कहा कि वो भारत की स्थिति दुनिया के सामने साफ कर देना चाहते हैं। भारत की स्थिति ये है कि पाकिस्तान की सीमापार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी और उसे इसके नतीजे भुगतने होंगे। विदेश मंत्री ने चीन का नाम लिए बगैर उसे भी फटकार लगाई।

न्यूयॉर्क। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के बारे में बड़ा बयान दिया है। जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि भारत के खिलाफ सीमापार से पाकिस्तान आतंकवाद चला रहा है। जयशंकर ने कहा कि निश्चित तौर पर पाकिस्तान को इसकी सजा भुगतनी होगी। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब मुद्दा सिर्फ उसकी ओर से अवैध रूप से कब्जा भारतीय क्षेत्र को खाली करना और आतंकवाद को समर्थन बंद करना ही है। जयशंकर ने कहा कि वो भारत की स्थिति दुनिया के सामने साफ कर देना चाहते हैं। भारत की स्थिति ये है कि पाकिस्तान की सीमापार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी और उसे इसके नतीजे भुगतने होंगे।

चीन का नाम लिए बगैर विदेश मंत्री जयशंकर ने उसे भी फटकार लगाई। पाकिस्तान के आतंकी आकाओं को वैश्विक लिस्ट में लाने में चीन अड़ंगे डाल चुका है। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के सभी रूप का सख्ती से विरोध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक आतंकियों की घोषणा में राजनीतिक वजह से अड़ंगा नहीं लगाना चाहिए। जयशंकर ने कहा कि तमाम देश हालात नियंत्रण में न होने पर पिछड़ जाते हैं, लेकिन कुछ देश अपनी मर्जी से विनाश देने वाले नतीजे चुनते हैं। पाकिस्तान इसी का सटीक उदाहरण है। पाकिस्तान ने दूसरे देशों के लिए जो दिक्कत शुरू की, उसी का नतीजा है कि वहां समाज खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरों की जमीन का लालच करने वाले पाकिस्तान जैसे निष्क्रिय देश को बेनकाब करना और उसका विरोध करना चाहिए। जयशंकर ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा कि उसकी जीडीपी को सिर्फ कट्टरपन और आतंकवाद को निर्यात करने के संदर्भ में मापा जा सकता है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में बदलाव की भी मांग की। उन्होंने कहा कि बहुपक्षवाद मे सुधार करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर बदलाव कहीं न कहीं से शुरू होना चाहिए और जहां से ये सब शुरू हुआ है, उससे अच्छी जगह नहीं हो सकती। जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को तब आगे नहीं बढ़ाया जा सकता, जब भोजन, खाद और ईंधन तक पहुंच खतरे में पड़ जाए। उन्होंने कहा कि देशों ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था से जितना निवेश किया है, उससे ज्यादा निकाला है। हर चुनौती और हर संकट में भारत इसे स्पष्ट तौर पर देखता रहा है। अगर ऐसे ही चलते रहे, तो दुनिया की हालत और खराब होगी।