नई दिल्ली। ईरान के पूर्व कम्युनिकेशन मंत्री और मौजूदा सांसद रेजा टैगिपुर ने आईफोन विस्फोट की आशंका जताई है। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब हाल ही में लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी जैसे उपकरणों में विस्फोट की घटनाएं हुई थीं। इन विस्फोटों में कई लोग घायल हुए थे, जिनमें ईरानी राजदूत और रिवॉल्यूशनरी गार्ड के जवान भी शामिल थे। टैगिपुर की चेतावनी के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं, क्योंकि पिछले हफ्तों में लेबनान में रेडियो सिस्टम तक को हैक करने की खबरें आई थीं। अब यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि ईरान में भी ऐसे उपकरणों के जरिए विस्फोट किए जा सकते हैं।
हिज्बुल्लाह के प्रमुख की मौत और इजरायल का प्रभुत्व
लेबनान में हिज्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद वेस्ट एशिया में तनाव बढ़ गया है। जानकारों का मानना है कि इजरायल अब इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, जिससे सबसे बड़ा नुकसान ईरान को हो सकता है। वर्षों से ईरान ने अपने सहयोगियों को इस क्षेत्र में स्थापित करने के लिए भारी निवेश किया था, लेकिन अब इजरायल की सैन्य कार्रवाई ने गाजा में हमास और लेबनान में हिज्बुल्लाह को कमजोर कर दिया है।
सीक्रेट सर्विस में इजरायली जासूस
हाल ही में एक बड़ा खुलासा सामने आया है, जिसमें पूर्व ईरानी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने दावा किया कि ईरान के सीक्रेट सर्विस हेड ही इजरायल के जासूस थे। यह खुलासा तब हुआ जब हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की खबरें आई थीं। अहमदीनेजाद के अनुसार, सीक्रेट सर्विस के प्रमुख ने इजरायल को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की थी, जिसके चलते हिज्बुल्लाह नेता पर हवाई हमला किया गया।
मोसाद एजेंटों का जाल
अहमदीनेजाद ने यह भी दावा किया कि ईरान की सीक्रेट सर्विस में कई इजरायली एजेंट काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि लगभग 20 अतिरिक्त एजेंट जो इजरायल की गुप्त सेवा गतिविधियों की निगरानी में थे, वे भी मोसाद के लिए काम कर रहे थे। इन एजेंटों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां इजरायल को दी थीं। 2018 में ईरानी परमाणु दस्तावेजों की चोरी और कई वैज्ञानिकों की हत्या में भी इन जासूसों का हाथ था।
ईरान की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
यह खुलासे ऐसे समय में सामने आए हैं जब वेस्ट एशिया में ईरान की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। जानकारों का मानना है कि इजरायल के जासूस ईरान की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी सेंध लगा चुके हैं। खासकर हिज्बुल्लाह नेता नसरल्लाह की मौत के बाद, यह स्पष्ट हो गया है कि इजरायल ने ईरान की सुरक्षा एजेंसियों में अपनी जड़ें फैला रखी हैं।