
नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर एससीओ सम्मेलन 2025 (शंघाई सहयोग संगठन) में शामिल होने के लिए चीन गए हैं। अपनी चीन यात्रा के दौरान आज बीजिंग में जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात की। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में सीमावर्ती विवादों का शांति से हल निकालने, व्यापारिक बाधाओं को दूर करने और तकनीकी सहयोग बढ़ाने समेत कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच साल 2020 में गलवान में हुई हिंसक झड़प के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर की यह पहली चीन यात्रा है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग से स्पष्ट शब्दों में कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार में किसी भी तरह की पाबंदियां नहीं होनी चाहिएं, यह दोनों के लिए नुकसानदायक है। विदेश मंत्री ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के प्रति दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाने और स्थिर एवं रचनात्मक संबंध बनाने की आवश्यकता है। सीमा संबंधी पहलुओं पर ध्यान देना, लोगों के बीच आदान-प्रदान को सामान्य बनाना और व्यापार में प्रतिबंध या बाधाओं से बचना हमारी जिम्मेदारी है। भारत के विदेश मंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता की नींव पर, भारत और चीन के संबंध सकारात्मक दिशा में विकसित हो सकते हैं।
Good to meet IDCPC Minister Liu Jianchao in Beijing.
Discussed the changing global order and the emergence of multipolarity. Spoke about a constructive India-China relationship in that context. pic.twitter.com/g8BplRMcrc
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2025
चीनी समकक्ष से मिलने के बाद जयशंकर ने चीन के एक और मंत्री लियू जियानचाओ से भी मुलाकात की। इस मुलाकात का जिक्र करते हुए जयशंकर ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, आईडीसीपीसी मंत्री लियू जियानचाओ से मिलकर खुशी हुई। हमारे बीच बदलती वैश्विक व्यवस्था और बहुध्रुवीयता को लेकर चर्चा हुई। भारत-चीन संबंधों के रचनात्मक होने की बात कही गई। इसके साथ ही विदेश मंत्री जयशंकर ने लिखा, कल यानी मंगलवार को तियानजिन में होने वाली एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने को लेकर उत्सुक हूं। भारत अच्छे परिणाम और निर्णय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।