इस्लामाबाद। दिवालिया होने की कगार पर खड़ा पाकिस्तान आज भी कश्मीर के मामले पर अपने पुराने राग को नहीं छोड़ पा रहा है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ भी कश्मीर की सॉलिडेरिटी पर लगातार मांग उठाते रहे थे और आज उनकी मौत के बावजूद भी पाकिस्तान 5 फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस मना रहा है। देश में विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने को है। आसमान छू रही महंगाई से आम लोगों की कमर टूट गई है। हजारों परिवार ऐसे हैं, जो भूखमरी का शिकार हैं। कंगाली की ऐसी हालत में भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और कश्मीर के मसले को फिर से हवा देने की कोशिश में है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान रविवार (5 फरवरी) को कश्मीर एकजुटता दिवस मनाने की तैयारी में है।
आपको बता दें कि परवेज मुशर्रफ ने अपने सैन्य कार्यकाल के दौरान कश्मीर के खिलाफ बड़ी साजिश रची थी। उनके ही इशारे पर पाकिस्तानी सेना ने कारगिल युद्ध को अंजाम दिया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना को करारी हार मिली थी, इसके बावजूद परवेज मुशर्रफ शेखी बघारने से पीछे नहीं हटते थे। एक बार मुशर्रफ ने दावा किया था कि वह कश्मीर पर चंद दिनों में कब्जा कर सकते हैं। उन्होंने इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मंजूरी भी मांगी थी। उनके इस दावे पर पाकिस्तान के एक वरिष्ठ पत्रकार ने हड़काते हुए जमकर खरीखोटी सुनाई थी। पत्रकार ने कहा था कि तुम पाकिस्तान पर कब्जा कर सकते हो, लेकिन कश्मीर पर नहीं।
इस प्रकार परवेज मुशर्रफ भी कश्मीरी एकजुटता के पक्षधर रहे थे और पाकिस्तान के समर्थन में वह लगातार इसकी मांग भी उठाते रहे थे। लेकिन अब कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान की शहबाज सरकार का काला सच सामने आ गया है। पाकिस्तान सोशल मीडिया की मदद से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैला रहा है और कश्मीर के मसले पर दुष्प्रचार करने में जुटा है। खराब आर्थिक हालातों के बीच भी वो कश्मीर सॉलिडेरिटी डे पर बड़ी मात्रा में अपने फंड का गलत इस्तेमाल कर रहा है। देश में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।पाकिस्तान के एक मंत्री नवाबजादा इफ्तिखार अहमद खान बाबर ने कश्मीरी भाइयों को एकजुटता का मजबूत संदेश देने के लिए प्रदर्शनों में हिस्सा लेने की अपील की थी। कश्मीर के मुद्दे पर सक्रियता के पीछे एक वजह ये भी है कि वो अपनी आर्थिक बदहाली से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश में है। देश में आर्थिक संकट के बीच गरीबी और भूखमरी बड़ी समस्या बनी हुई, लेकिन पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिश रचने से पीछे नहीं हट रहा है।
पाकिस्तान क्यों मनाता है कश्मीर एकजुटता दिवस
गौरतलब है कि कश्मीर एकजुटता दिवस यानी कश्मीर सॉलिडेरिटी डे की स्थापना 1990 में उस समय पाकिस्तान के विपक्षी नेता नवाज शरीफ ने की थी। शरीफ ने कश्मीर के कुछ हिस्सों पर भारतीय सेना के नियंत्रण का विरोध करने के लिए देशव्यापी हड़ताल की अपील की थी। उन्होंने अपने देश के लोगों से कश्मीर की स्वतंत्रता के लिए प्रार्थना करने का निवेदन किया था।