
मेलबर्न। कनाडा और ब्रिटेन के बाद अब ऑस्ट्रेलिया में भी हिंदू मंदिरों पर हमले की घटनाएं लगातार हो रही हैं। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में बीते 15 दिन में तीसरी बार हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया है। इससे पहले की घटना 17 जनवरी को हुई थी। तब बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर पर हमला हुआ था। ताजा मामला मेलबर्न के अल्बर्ट पार्क इलाके का है। यहां इस्कॉन के हरे कृष्ण मंदिर में तोड़फोड़ की गई। मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक और भारत विरोधी नारे भी लिख दिए गए। ये मंदिर मेलबर्न में भक्ति योग आंदोलन का नामचीन केंद्र है। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक सोमवार को मंदिर में तोड़फोड़ का पता चला और खालिस्तान समर्थक व भारत विरोधी नारे लिखे मिले।
Australia: Another Hindu temple desecrated in Melbourne, allegedly by Khalistani supporters, with anti-India & pro-Khalistan graffitis
This is third such attack on a Hindu temple in last one week.@Gurpreet_Chhina shares latest details with @anchoramitaw – Watch. pic.twitter.com/dWnFrq6M5K
— TIMES NOW (@TimesNow) January 23, 2023
इस्कॉन के हरे कृष्ण मंदिर के संचार संबंधी निदेशक भक्त दास ने ऑस्ट्रेलिया की मीडिया को बताया कि पूजास्थल के इस घोर अपमान और उपेक्षा से संस्था और हिंदू काफी नाराज हैं। इस मंदिर के एक भक्त शिवेश पांडेय ने कहा कि लगातार मेलबर्न में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन विक्टोरिया प्रांत की पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई तक करने में विफल रही है। ये लोग शांतिपूर्ण तरीके से रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों के खिलाफ लगातार नफरती एजेंडा चला रहे हैं। इसी मंदिर पर 17 जनवरी को भी हमला हुआ था। ताजा हमला विक्टोरियन मल्टीफेथ नेताओं और मल्टीकल्चरल कमीशन के बीच बातचीत के 2 दिन बाद किया गया है।
पिछले हमले के बाद भी मंदिर की दीवारों पर आतंकी भिंडरावाले के समर्थन में नारे लिखे गए थे। बता दें कि जरनैल सिंह भिंडरावाले के उकसाने पर पंजाब में आतंकवाद फैलाने और 20 हजार से ज्यादा सिखों और हिंदुओं की हत्या की गई थी। उसे मंदिर की दीवारों पर लिखे नारों में शहीद बताया जा रहा है। विक्टोरिया प्रांत में ऑस्ट्रेलिया हिंदू संघ के अध्यक्ष मकरंद भागवत ने मीडिया से कहा है कि पूजास्थलों के खिलाफ नफरत की कोई भी कार्रवाई समर्थन योग्य हो नहीं सकती। मकरंद ने ये भी कहा कि मंदिरों पर हमले की उनका संगठन घोर निंदा करता है।