newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Donald Trump Backtracked From His Statement On Mediation Between India And Pakistan : मैं यह नहीं कह रहा कि…भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता वाले बयान से पलटे डोनाल्ड ट्रंप

Donald Trump Backtracked From His Statement On Mediation Between India And Pakistan : इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप यह कह रहे थे कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करते हुए दोनों देशों को युद्ध विराम के लिए राजी किया है। हालांकि भारत ने पहले दिन से ही इस बात को स्पष्ट रूप से नकार दिया था कि पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष विराम में अमेरिका की कोई भूमिका है।

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब आखिरकार अपने उस बयान से पलट गए हैं जिसमें उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता किए जाने का दावा किया था। ट्रंप ने अपने हालिया बयान में कहा कि मैं यह नहीं कह रहा कि मैंने युद्ध रुकवाया, लेकिन निश्चित रूप से मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच समस्या को सुलझाने में मदद की। जबकि इससे पहले ट्रंप यह कह रहे थे कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करते हुए दोनों देशों को युद्ध विराम के लिए राजी किया है। ट्रंप बार-बार यह दावा कर रहे थे और सीजफायर का क्रेडिट लेना चाह रहे थे।

हालांकि भारत ने पहले दिन से ही इस बात को स्पष्ट रूप से नकार दिया था कि पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष विराम में अमेरिका की कोई भूमिका है। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 10 मई को सीजफायर का ऐलान करते हुए बताया था कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन किया था और उन दोनों के बीच युद्ध विराम को लेकर सहमति बनी है। उन्होंने यह भी कहा था कि 12 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच फिर से बातचीत होगी। जबकि विक्रम मिस्री के ऐलान से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, भारत और पाकिस्तान युद्ध विराम के लिए सहमत हो गए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता में एक पूरी रात तक चली वार्ता के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम के लिए मान गए हैं।

वहीं ट्रंप से पहले अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी दावा किया था कि अमेरिका की मध्यस्थता के कारण भारत और पाकिस्तान की सरकारें तत्काल युद्ध विराम पर सहमत हो गई हैं। कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने भी अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता के दावे को नकारा था। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका के सेक्रेटरी मार्को रूबियो के साथ यूएई, ब्रिटेन और फ्रांस के विदेश मंत्रियों से भी लगातार संपर्क में थे। इसी तरह पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी इन देशों से बातचीत कर रहे थे। यह सामान्य कूटनीतिक प्रक्रिया है, इसे मध्यस्थता नहीं कहा जा सकता है।