newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Morgan Stanley On India: विकास की रफ्तार में हमसे पिछड़ा चीन, मॉर्गन स्टैनली ने भारत की रेटिंग को ओवरवेट किया

मॉर्गन स्टैनली ने कहा है कि भारत की जीडीपी 6.2 फीसदी रहने वाली है। ब्रोकरेज कंपनी की तरफ से बताया गया है कि हमारे लिहाज से भारत अब 6 से 1 अंक पर पहुंच गया है। अक्टूबर की तुलना में भारत का सापेक्ष मूल्यांकन कम है और वो बहुध्रुवीय दुनिया में गतिशीलता का फायदा उठाने की दिशा में बढ़ रहा है।

वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय नामचीन ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टैनली ने चीन को बड़ा झटका देते हुए भारत का स्टेटस ओवरवेट कर दिया है। मॉर्गन स्टैनली ने चीन की रेटिंग घटा दी है। कंपनी का कहना है कि भारत में सुधार और मैक्रो स्थिरता का एजेंडा मजबूत पूंजी के व्यय और लाभ को दिखाता है। भारत की रेटिंग ओवरवेट किए जाने से मॉर्गन स्टैनली ने बताया है कि देश की अर्थव्यवस्था आगे भी बेहतर प्रदर्शन जारी रखेगी। चीन में आर्थिक मंदी का डर और अमेरिका की रेटिंग एएए से घटने के बाद भारत को मिली ओवरवेट रेटिंग अर्थव्यवस्था के लिहाज से काफी उत्साहजनक है।

morgan stanley

मॉर्गन स्टैनली ने कहा है कि भारत की जीडीपी 6.2 फीसदी रहने वाली है। ब्रोकरेज कंपनी की तरफ से बताया गया है कि हमारे लिहाज से भारत अब 6 से 1 अंक पर पहुंच गया है। अक्टूबर की तुलना में भारत का सापेक्ष मूल्यांकन कम है और वो बहुध्रुवीय दुनिया में गतिशीलता का फायदा उठाने की दिशा में बढ़ रहा है। मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में विकास की ऊंची लहर आ रही है। वहीं, चीन अब ऐसी लहर से बाहर निकलता दिख रहा है। मॉर्गन स्टैनली ने इसी वजह से चीन की कंपनियों के शेयर का भार अंक घटाकर सामान्य कर दिया है। उसने कहा है कि चीन में निवेश करने वालों को फायदा लेने के लिए सरकारी प्रोत्साहन वाली प्रतिज्ञा से जो तेजी आई है, उसके हिसाब से चलना चाहिए।

indian currency

मॉर्गन स्टैनली ने कहा है कि चीन ने हाल के दिनों में विकास को बढ़ावा देने और अपने यहां निजी क्षेत्र को फिर से आगे करने के वादे किए। इससे चीन में परिसंपत्तियों को भी आगे आने का मौका मिला है। मॉर्गन स्टैनली के विश्लेषकों ने कहा है कि चीन सरकार की नरमी एक साथ की जगह अलग-अलग आ सकती है। इससे शेयर के लाभ पर्याप्त नहीं रहेंगे। इससे पहले मॉर्गन स्टैनली ने भारत की रेटिंग को अंडरवेट से एक समान किया था। चीन की रेटिंग कम होने और भारत की रेटिंग बढ़ने से अब और ज्यादा विदेशी निवेश हमारे देश में आने की उम्मीद है।