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Warrant Against Putin: राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ आईसीसी के गिरफ्तारी वॉरंट को रूस ने दिखाया ठेंगा, इस वजह से बताया गैरकानूनी

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले साल 24 फरवरी से जंग जारी है। रूस ने यूक्रेन पर आरोप लगाया था कि वो खतरा बन रहा है और नाटो की सदस्यता लेने से ये खतरा सिर पर मंडरा रहा है। पुतिन ने जंग के बाद कई बार कहा कि उनका देश इस खतरे से बचने के लिए ही यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई कर रहा है।

हेग/मॉस्को। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और उनके देश की मारिया अलेक्सेयेवना लवोवा बेलोवा के खिलाफ युद्ध अपराध के आरोपों में गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है। वहीं, रूस ने साफ कर दिया है कि पुतिन और बेलोवा के खिलाफ जारी वॉरंट का कोई मतलब नहीं है। रूस के सूचना विभाग की निदेशक मारिया जाखारोवा ने मीडिया से कहा कि आईसीसी के गठन संबंधी रोम में हुए समझौते में रूस ने कभी दस्तखत नहीं किए। इस संगठन से रूस चाहे, तो सहयोग नहीं भी कर सकता। मारिया ने कहा कि हमारे लिए आईसीसी के गिरफ्तारी वॉरंट गैरकानूनी हैं। यानी साफ तौर पर रूस ने आईसीसी के वॉरंट को मानने से इनकार कर दिया है। इससे अब रूस और पश्चिमी देशों के बीच जंग की नई कड़ी बनने के आसार दिख रहे हैं। पहले सुनिए मारिया जाखारोवा ने क्या कहा।

इससे पहले आईसीसी के अध्यक्ष पियोटर हॉफमान्सकी ने बताया था कि संगठन ने पुतिन और बेलोवा के खिलाफ युद्ध अपराध के आरोप में गिरफ्तारी वॉरंट जारी किए हैं। पियोटर ने बताया था कि रूस पर आरोप है कि उसने यूक्रेन के बच्चों को अपने यहां प्रत्यावर्तित किया। आईसीसी अध्यक्ष के मुताबिक रूस का ये कदम जेनेवा समझौते के तहत युद्ध अपराध की श्रेणी में आता है। बेलोवा के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट इसलिए जारी किया गया, क्योंकि वो रूस में मानवाधिकार के मसले देखती हैं। पुतिन और बेलोवा के खिलाफ आईसीसी के गिरफ्तारी वॉंरंट पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलिंस्की ने कहा था कि अभी ये शुरुआत है। कुल मिलाकर जेलिंस्की काफी खुश जताते नजर आए थे।

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले साल 24 फरवरी से जंग जारी है। रूस ने यूक्रेन पर आरोप लगाया था कि वो खतरा बन रहा है और नाटो की सदस्यता लेने से ये खतरा सिर पर मंडरा रहा है। पुतिन ने जंग के बाद कई बार कहा कि उनका देश इस खतरे से बचने के लिए ही यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई कर रहा है। बीते दिनों रूस के विमान की वजह से अमेरिका का एक टोही ड्रोन भी काला सागर में गिर गया था। जिससे रूस और अमेरिका के रिश्ते और तल्ख हो गए हैं। अमेरिका और यूरोप के तमाम देश यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। उसे सैन्य सहायता देकर रूस के खिलाफ जंग में मजबूत करने का काम भी अमेरिका और यूरोप के देशों ने किया है। रूस और इन यूरोपीय देशों में भी इसी वजह से तनातनी है।

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