तेहरान/यरुशलम। इजरायल पर 200 के करीब मिसाइल दागने के बाद ईरान की सेना ने दावा किया है कि 90 फीसदी हमले सटीक रहे हैं। वहीं, इजरायल ने दावा किया है कि ईरान के ज्यादातर मिसाइलों को उसकी वायु सुरक्षा प्रणाली ने ध्वस्त कर दिया। ईरान की सेना ने ये भी दावा किया है कि उसने इजरायल के उस हातजेरिम एयरबेस को भी मिसाइलों से निशाना बनाया, जहां से लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरकर लेबनान में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को मार डाला था। ईरान ने ये भी दावा किया है कि उसने इजरायल पर हाइपरसोनिक मिसाइलें दागीं। जिनको इजरायल रोक नहीं सका। खबर ये है कि ईरान ने इजरायल पर अपनी सबसे उन्नत फतह मिसाइलें दागीं।
These are our hypersonic systems, catch them if you can! pic.twitter.com/VrIZsNcW25
— Iran Military (@IRIran_Military) October 1, 2024
Maj. Gen. Mousavi: We endured the bitterness of restraint for a time, but we saw that they are not changing their attitude for the better; if they make any additional wrong moves, we will respond more harshly. In that case, we may decide to destroy their infrastructure.” pic.twitter.com/Gim2NYSn3A
— Iran Military (@IRIran_Military) October 2, 2024
इजरायल पर मिसाइल हमलों के बाद ईरान में लोगों ने खुशी भी मनाई। उन्होंने अमेरिका और इजरायल मुर्दाबाद के नारे लगाए।
The Iraqi people expressing joy over Iran’s missile attacks against the occupied territories pic.twitter.com/EYyVuz9dfc
— IRNA News Agency (@IrnaEnglish) October 1, 2024
#BREAKING
Iranians took to the streets (Palestine Square) to celebrate missile attack on Israeli regime. pic.twitter.com/drkBmKRPlD— Tehran Times (@TehranTimes79) October 1, 2024
इस बीच, मध्य एशिया के बड़े और अहम देश जॉर्डन ने किसी का भी पक्ष न लेने का एलान किया है। जॉर्डन के संचार मंत्री मोहम्मद अल-मोमानी ने बयान दिया है कि उनके देश ने हमेशा तय किया है कि वो किसी का भी मोहरा नहीं बनेगा और युद्ध के मैदान में नहीं रहेगा। जॉर्डन के संचार मंत्री ने कहा कि अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। जानकारी के मुताबिक ईरान से इजरायल पर दागी गई मिसाइलों के कुछ हिस्से जॉर्डन में भी गिरे और वहां कुछ लोग घायल हुए। खबर लिखे जाने तक अन्य इस्लामी देशों की तरफ से भी प्रतिक्रिया नहीं आई है। ऐसे में उम्मीद कम ही है कि इजरायल पर ईरान की सैन्य कार्रवाई के समर्थन में अन्य अरब देश भी जुटेंगे या संभावित युद्ध में साथ देंगे।
दूसरी तरफ, इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलाई है। इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र में आरोप लगाया है कि ईरान ने मिसाइल हमला कर उसे पूरी तरह नष्ट करने की कोशिश की। इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मांग की है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर IRGC को अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन घोषित कर उस पर पाबंदी लगाई जाए। हालांकि, इजरायल की इस मांग का पूरा होना संभव नहीं लगता। क्योंकि रूस और चीन जैसे देश ईरान के साथ हमेशा खड़े रहे हैं और ऐसे किसी प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल कर सकते हैं। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतनयाहू पहले ही कह चुके हैं कि ईरान को मिसाइल हमले करने का गंभीर नतीजा भुगतना होगा। इजरायल की सेना ने भी कहा है कि तय वक्त और तय जगह पर वो ईरान के खिलाफ पलटवार करेगी। इससे दोनों देशों के बीच जंग की नौबत आती दिख रही है।