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Iran-Israel War: ईरान का दावा- 90 फीसदी मिसाइल हमले सफल रहे, इजरायल ने कहा- सही वक्त और जगह पर देंगे जवाब

Iran-Israel War: ईरान और इजरायल के बीच जंग के आसार बढ़ते नजर आ रहे हैं। ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों से जोरदार हमला किया। वहीं, इजरायल ने साफ कहा है कि ईरान के इन हमलों का वो जरूर बदला लेगा। इन सबके बीच हालात को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलाई है।

तेहरान/यरुशलम। इजरायल पर 200 के करीब मिसाइल दागने के बाद ईरान की सेना ने दावा किया है कि 90 फीसदी हमले सटीक रहे हैं। वहीं, इजरायल ने दावा किया है कि ईरान के ज्यादातर मिसाइलों को उसकी वायु सुरक्षा प्रणाली ने ध्वस्त कर दिया। ईरान की सेना ने ये भी दावा किया है कि उसने इजरायल के उस हातजेरिम एयरबेस को भी मिसाइलों से निशाना बनाया, जहां से लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरकर लेबनान में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को मार डाला था। ईरान ने ये भी दावा किया है कि उसने इजरायल पर हाइपरसोनिक मिसाइलें दागीं। जिनको इजरायल रोक नहीं सका। खबर ये है कि ईरान ने इजरायल पर अपनी सबसे उन्नत फतह मिसाइलें दागीं।

इजरायल पर मिसाइल हमलों के बाद ईरान में लोगों ने खुशी भी मनाई। उन्होंने अमेरिका और इजरायल मुर्दाबाद के नारे लगाए।

इस बीच, मध्य एशिया के बड़े और अहम देश जॉर्डन ने किसी का भी पक्ष न लेने का एलान किया है। जॉर्डन के संचार मंत्री मोहम्मद अल-मोमानी ने बयान दिया है कि उनके देश ने हमेशा तय किया है कि वो किसी का भी मोहरा नहीं बनेगा और युद्ध के मैदान में नहीं रहेगा। जॉर्डन के संचार मंत्री ने कहा कि अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। जानकारी के मुताबिक ईरान से इजरायल पर दागी गई मिसाइलों के कुछ हिस्से जॉर्डन में भी गिरे और वहां कुछ लोग घायल हुए। खबर लिखे जाने तक अन्य इस्लामी देशों की तरफ से भी प्रतिक्रिया नहीं आई है। ऐसे में उम्मीद कम ही है कि इजरायल पर ईरान की सैन्य कार्रवाई के समर्थन में अन्य अरब देश भी जुटेंगे या संभावित युद्ध में साथ देंगे।

दूसरी तरफ, इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलाई है। इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र में आरोप लगाया है कि ईरान ने मिसाइल हमला कर उसे पूरी तरह नष्ट करने की कोशिश की। इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मांग की है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर IRGC को अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन घोषित कर उस पर पाबंदी लगाई जाए। हालांकि, इजरायल की इस मांग का पूरा होना संभव नहीं लगता। क्योंकि रूस और चीन जैसे देश ईरान के साथ हमेशा खड़े रहे हैं और ऐसे किसी प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल कर सकते हैं। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतनयाहू पहले ही कह चुके हैं कि ईरान को मिसाइल हमले करने का गंभीर नतीजा भुगतना होगा। इजरायल की सेना ने भी कहा है कि तय वक्त और तय जगह पर वो ईरान के खिलाफ पलटवार करेगी। इससे दोनों देशों के बीच जंग की नौबत आती दिख रही है।