तेहरान। अपनी आतंकी गतिविधियों के कारण पाकिस्तान पूरी दुनिया में बदनाम है। फिर भी पाकिस्तान पड़ोसी देशों में आतंकवाद फैलाने वाले तत्वों पर कार्रवाई नहीं करता। भारत ने पाकिस्तान परस्त आतंकियों के खिलाफ एक बार सर्जिकल स्ट्राइक और एक बार एयरस्ट्राइक की। पाकिस्तान के पड़ोसी मुल्क ईरान ने भी पिछले दिनों उस पर एयर स्ट्राइक की थी। बदले में पाकिस्तान ने भी ईरान में एयर स्ट्राइक की। जिससे ईरान और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव आ गया था। अब खबर है कि ईरान ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की है। ईरान की सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी संगठन जैश-अल-अदल के ठिकाने को निशाना बनाया और इस आतंकी संगठन के शीर्ष कमांडर इस्माइल शाह बख्श और उसके तमाम सिपहसालारों को मार गिराया है। इससे एक बार फिर पाकिस्तान और ईरान के बीच तनातनी बढ़ने के आसार हैं।
ईरान की मीडिया के मुताबिक उनके देश की सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर ऑपरेशन चलाया। जैश-अल-अदल नाम का आतंकी संगठन साल 2012 में बना था। ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान में इसके आतंकी सक्रिय रहते हैं। ईरान सरकार पहले भी कई बार जैश-अल-अदल पर अपने यहां आतंकी हमले करने का आरोप लगा चुकी है। दिसंबर 2023 में सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में एक थाने पर जैश-अल-अदल के आतंकियों ने हमला किया था। इसमें ईरान के 11 पुलिसकर्मियों की जान गई थी। जैश-अल-अदल का इरादा ईरान के कब्जे से सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत को आजाद कराना है। ऐसा वहां रहने वाले बलोचों को ज्यादा अधिकार दिलाने के लिए वो बताता है। जैश-अल-अदल सुन्नी आतंकी संगठन है। जबकि, ईरान शिया मुस्लिम बहुल देश है। जैश-अल-अदल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ईरान ने कई बार पाकिस्तान से कहा है, लेकिन इस संगठन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
पाकिस्तान की तरफ से आतंकी संगठन पर कोई कार्रवाई न होने के कारण इसके हौसले बुलंद हैं। जैश-अल-अदल के आतंकी ईरान में घुसकर वहां आतंकी हमले करते हैं। ये ठीक वैसा ही है, जैसे पाकिस्तान भारत के खिलाफ लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को इस्तेमाल करता है। हालांकि, अब ईरान की सरकार ने पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठन पर नकेल कसने का ठोस इरादा बनाया हुआ है। पिछले दिनों की एयरस्ट्राइक और अब सर्जिकल स्ट्राइक से यही लगता है। खास बात ये है कि जिस तरह पाकिस्तान की सेना को भारत के सर्जिकल और एयरस्ट्राइक का पता तक नहीं चल सका था। उसी तरह ईरान की लगातार दो कार्रवाई का भी पाकिस्तानी सेना को गुमान तक नहीं हुआ।