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Rahul Gandhi On GOD: ‘देवता का अर्थ भगवान नहीं…देवता वो जो…’, अमेरिका में बोले राहुल गांधी; बेरोजगारी और राजनीति पर भी रखी अपनी राय

Rahul Gandhi On GOD: राहुल गांधी ने देवता और भगवान में अंतर बताया है। अमेरिका के डलास में यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बेरोजगारी की वजह बताई। साथ ही राजनीति के बारे में भी अपनी राय रखी। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा से मिले अनुभव पर भी खूब चर्चा की।

डलास। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि देवता का मतलब भगवान नहीं होता। उन्होंने अमेरिका के डलास में एक कार्यक्रम में कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपनी हर बात बता दे, जो वो मानता या सोचता है और उसे खुलकर जाहिर करता है, तो यही देवता की परिभाषा है। उन्होंने कहा कि भारत में देवता का अर्थ ऐसा व्यक्ति है, जिसकी आंतरिक भावना और बाहरी अभिव्यक्ति एक जैसी यानी पारदर्शी होती है। राहुल गांधी ने ये भी कहा कि किसी भी मसले पर बोलने से पहले सुनना जरूरी है। उन्होंने ये भी कहा कि आप अपनी जंग को बहुत सावधानी से चुनते हैं।

डलास यूनिवर्सिटी के छात्रों को लेकर हुए कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि पश्चिमी देशों की तरह भारत में भी रोजगार की समस्या है। उन्होंने कहा कि चीन और वियतनाम में बेरोजगारी नहीं है। उन्होंने उदाहरण दिया कि 1940 से 1960 के दशक में अमेरिका दुनिया में उत्पादन का केंद्र था। टीवी, कार, वॉशिंग मशीन जैसी चीजें अमेरिका में बनती थीं। बाद में इनका उत्पादन जापान और कोरिया चला गया। वहीं, विनिर्माण में चीन ने पहचान बना ली। राहुल गांधी ने कहा कि अभी वैश्विक उत्पादन में चीन हावी है। इसकी वजह ये कि पश्चिमी देशों, अमेरिका, यूरोप और भारत ने उत्पादन के विचार को छोड़ दिया। राहुल गांधी ने कहा कि भारत को उत्पादन के साथ उत्पादों को व्यवस्थित करने पर भी सोचना होगा। विनिर्माण भारत और बांग्लादेश में भी हो सकता है। ये चीन और वियतनाम का एकाधिकार नहीं हो सकता। लोकतांत्रिक वातावरण में उत्पादन पर राहुल गांधी ने जोर दिया और कहा कि ऐसा न करने पर उच्च स्तर की बेरोजगारी का सामना करना होगा। उन्होंने इसे राजनीति के ध्रुवीकरण की वजह भी बताया।

अपनी भारत जोड़ो यात्रा पर राहुल गांधी ने कहा कि इससे राजनीति को देखने, लोगों के तरीके को देखने और उनकी बातों को सुनने का उनका तरीका बदला है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में शक्तिशाली चीज ये हुई कि राजनीति में प्रेम के विचार का परिचय हुआ। राहुल गांधी ने कहा कि ज्यादातर देशों में राजनीति में प्रेम शब्द नहीं मिलेगा। आपको नफरत, अन्याय, भ्रष्टाचार और गुस्सा जैसे शब्द मिलेंगे। उन्होंने कहा कि राजनीति में प्रेम का विचार बहुत कारगर रहा है।