नई दिल्ली। चीन की अपनी विस्तारवादी सोच के चलते उसे अब एक के बाद एक कई झटके लग रहे हैं। भारत, अमेरिका से झटका खाने के बाद अब मलेशिया भी चीन के सामने सीना तान खड़ा हो गया है। मलेशिया ने साउथ चाइना सी पर चीन के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। एक तरीके से यह चीन को तगड़ा झटका माना जा रहा है।
बता दें कि मलेशिया के विदेश मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने संसद को अपने सबसे बड़े कारोबारी पार्टनर को फटकार लगाते हुए कहा, “मलेशिया चीन के इस दावे को खारिज करता है कि उस पानी पर उनका ऐतिहासिक अधिकार है।”
संसद के सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए हिशामुद्दीन हुसैन ने कहा, “मलेशियाई सरकार साउथ चाइना सी में समुद्री सुविधाओं पर चीन के दावों पर कह रही है कि उसका (चीन) कोई आधार नहीं है।” यह मलेशिया के लिए एक असामान्य कदम है, जिसने अतीत में साथ व्यापार करने के सभी रास्तों को खुले रखने के लिए चीन को फटकार लगाने से परहेज किया था।
हाल ही में मलेशियाई सरकार की एक रिपोर्ट ने खुलासा किया था कि 2016 और 2019 के बीच मलेशिया के अनन्य आर्थिक क्षेत्र में चीनी जहाजों की 89 बार घुसपैठ हुई थी। अप्रैल में, चीनी जहाजों ने 100 दिनों से अधिक समय तक मलेशियाई पानी में घुसपैठ की।
मलेशिया ने कहा है कि विवादित क्षेत्र में चीन के दावे का अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कोई आधार नहीं है और यह चीन की आपत्ति को पूरी तरह से अस्वीकार करता है। अप्रैल में, मलेशिया के विदेश मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन ने साउथ चाइना सी में शांति कायम करने की बात की और विवादित पानी में शांति के लिए मलेशिया की प्रतिबद्धता को बताया था।