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अयोध्या पर दिए बयान पर PM ओली की फजीहत, नेपाल के ही नेताओं ने किया विरोध

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत में स्थित अयोध्या पर सोमवार को विवादित बयान दिया। जिसके बाद ओली अपने ही घर पर घिर गए हैं।

नई दिल्ली। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत में स्थित अयोध्या पर सोमवार को विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने ‘नकली अयोध्या’ खड़ा कर नेपाल की सांस्कृतिक तथ्यों का अतिक्रमण किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि नेपाल के बाल्मिकी आश्रम के पास है। जिसके बाद ओली अपने ही घर पर घिर गए हैं। नेपाल के कई नेताओं ने खुलकर ओली के इस बयान का विरोध किया है। नेताओं ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच वैसे भी तनाव की स्थिति बनी हुई है ऐसे में उनको ऐसे दावों से बचना चाहिए।

ओली का बेबुनियादी दावा

ओली अपनी सत्ता को जाते हुए देख लगातार भारत पर निशाना साध रहे हैं। सोमवार को उन्होंने दावा किया कि भारत ने सांस्कृतिक अतिक्रमण के लिए नकली अयोध्या का निर्माण किया है। जबकि, असली अयोध्या नेपाल में है। ओली पहले कह चुके हैं कि भारत उनको सत्ता से हटाने की साजिश रच रहा है। ओली ने सवाल किया कि उस समय आधुनिक परिवहन के साधन और मोबाइल फोन (संचार) नहीं था तो राम जनकपुर तक कैसे आए?

नेपाल के नेताओं ने किया विरोध

राष्ट्रीय प्रजातांत्री पार्टी के सह-अध्यक्ष कमल थापा ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए इस तरह के निराधार, अप्रमाणित बयानों से बचना चाहिए। थापा ने ट्वीट किया, “ऐसा लग रहा है कि पीएम तनावों को हल करने के बजाय नेपाल-भारत संबंधों को और खराब करना चाहते हैं।”

इसी तरह, राष्ट्रीय योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष स्वर्णिम वागले ने चेतावनी दी कि भारतीय मीडिया कल पीएम के बयान से विवादास्पद सुर्खियां बटोर सकता है और बना सकता है।

इसके अलावा सोशल मीडिया यूजर्स प्रधानमंत्री के अयोध्या बयान की खबरों पर टिप्पणी करते रहे हैं। कुछ हास्यास्पद, कुछ इसे हल्के में ले रहे हैं, जबकि कुछ गंभीरता से दावों पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि, पीएम ने इस घटना का उल्लेख किया था कि कई बुद्धिजीवी यह कहने के लिए उनका मजाक उड़ाएंगे कि राम नेपाल के थे।