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Sudan Conflict: संघर्षग्रस्त सूडान में फंसे 4000 भारतीय, बचाने के लिए मोदी सरकार निकाल रही है तरीका

मोदी सरकार इससे पहले यमन और यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों से भारतीयों को सफलतापूर्वक वापस ला चुकी है, लेकिन सूडान का मसला ज्यादा गंभीर है। वहां विद्रोही हवाई अड्डे को भी लगातार निशाना बना रहे हैं। ऐसे में विमान भेजना भी खतरे से खाली नहीं है। एक रास्ता बंदरगाहों से भारतीयों को निकालने का हो सकता है।

खारतूम/नई दिल्ली। सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच जारी संघर्ष की वजह से हजारों भारतीयों की जान खतरे में है। सूडान में करीब 4000 भारतीय रहते हैं। राजधानी खारतूम के अलावा पोर्ट सूडान और ओमदुर्मान में ये भारतीय रहते हैं। इन सभी की जान बचाने के लिए मोदी सरकार में उच्चस्तरीय मंथन चल रहा है। सभी भारतीयों को निकालने के लिए क्या किया जाए, इसे लेकर चर्चा जारी है, लेकिन सूडान में हालात बहुत खतरनाक हैं। इस वजह से भारतीयों को रेस्क्यू करने में बड़ी दिक्कत सामने आ गई है। माना जा रहा है कि सूडान की सरकार से मोदी सरकार इस बारे में बात करेगी और फिर कोई रास्ता निकाला जाएगा।

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सूडान से भारतीयों को निकालने में बड़ी दिक्कत ये भी है कि सेना के खिलाफ जो अर्धसैनिक बल मैदान में हैं, वे खारतूम के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भी निशाना बना रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से छिड़ी जंग में खारतूम हवाई अड्डे पर खड़े कई देशों के विमान भी नष्ट हुए हैं। ऐसे में वहां विमान ले जाना भी खतरे से खाली नहीं है। एक रास्ता सूडान के बंदरगाहों से है, लेकिन 4000 भारतीयों को वहां तक लाना भी काफी मुश्किलों भरा रहेगा। ऐसे में फिलहाल भारतीयों को अपने घरों में ही रहने के लिए कहा गया है।

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सूडान में हालात कितने गंभीर हैं, ये इसी से पता चलता है कि भारतीय दूतावास के कर्मचारियों ने दफ्तर खाली कर दिया है। भारतीय दूतावास में अब गार्ड तक नहीं हैं। खारतूम में जिस इलाके में ज्यादा संघर्ष हो रहा है, उस इलाके में भारतीय दूतावास भी है। भारतीय दूतावास ने बुधवार को ट्वीट कर बताया था कि दफ्तर पर हमला हुआ है। हालांकि, बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया। मोदी सरकार इससे पहले यमन और यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों से भारतीयों को सफलतापूर्वक वापस ला चुकी है, लेकिन सूडान का मसला ज्यादा गंभीर है।