नई दिल्ली। अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स के मामलों में अचानक से आई तेज़ी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चिंता बढ़ा दी है। अब तक इस वायरस से 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। WHO ने इस स्थिति को गंभीर मानते हुए इसे दुनियाभर के लिए हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम टेड्रोस ने इस बात पर गहरी चिंता जताई है कि पूर्वी डीआरसी (डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो) में मंकीपॉक्स का एक नया क्लेड तेजी से फैल रहा है और इस वायरस की पहचान उन देशों में भी हो रही है जहां पहले कभी मंकीपॉक्स के मामले नहीं देखे गए थे।
किन देशों में बढ़ रहे हैं मंकीपॉक्स के मामले?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, अफ्रीका के कांगो, बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा समेत कई अन्य देशों में मंकीपॉक्स के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। अफ्रीका के अन्य हिस्सों में मंकीपॉक्स के प्रकोप को देखते हुए WHO ने इसे स्वास्थ्य संबंधी वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है। इस आपातकाल की घोषणा इसलिए की गई है क्योंकि एक दर्जन से अधिक देशों में बच्चों और वयस्कों में मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हुई है और वायरस का एक नया स्वरूप फैल रहा है। इसके साथ ही महाद्वीप में टीके की खुराकें भी बेहद सीमित हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
दूसरी बार मंकीपॉक्स आपातकाल
यह पहली बार नहीं है जब मंकीपॉक्स को लेकर वैश्विक आपातकाल घोषित किया गया है। इससे पहले जुलाई 2022 में भी इसे वैश्विक आपातकाल घोषित किया गया था। उस समय दुनियाभर के 116 देशों में मंकीपॉक्स के एक लाख से अधिक मामले सामने आए थे, और 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। विशेष रूप से कांगो में 14 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। मंकीपॉक्स का सबसे ज्यादा खतरा महिलाओं और 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों पर होता है। अफ्रीका के प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस वायरल संक्रमण के तेजी से फैलने का हवाला देते हुए महाद्वीप के लिए मंकीपॉक्स आपातकाल की घोषणा की है।
मंकीपॉक्स के लक्षण और संक्रमण का प्रसार
मंकीपॉक्स, जिसे Mpox भी कहा जाता है, एक वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर निकट संपर्क के माध्यम से फैलता है। इसके लक्षणों में हल्का बुखार, फ्लू जैसी बीमारी और मवाद से भरे घावों का होना शामिल है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर दर्दनाक फोड़े हो सकते हैं। मंकीपॉक्स का वायरस त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इस वायरस के संपर्क में आने के 7-14 दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं। हालांकि, अलग-अलग लोगों में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, जिससे इसकी पहचान और इलाज में कठिनाई हो सकती है।
LIVE: Media briefing with @DrTedros on outcome of the #mpox Emergency Committee meeting https://t.co/oghcXCgqcl
— World Health Organization (WHO) (@WHO) August 14, 2024
मंकीपॉक्स की रोकथाम और चुनौतियां
मंकीपॉक्स का प्रकोप अफ्रीका में पहले से ही स्वास्थ्य सुविधाओं पर भारी दबाव डाल रहा है। इस वायरस के बढ़ते मामलों के बीच, टीकों की कमी एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है। अफ्रीका के अधिकांश देशों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और जनसंख्या का घनत्व इस वायरस के तेजी से फैलने में सहायक बन रहे हैं। WHO और अन्य अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों ने टीकों और इलाज के अन्य संसाधनों की आपूर्ति बढ़ाने की अपील की है ताकि मंकीपॉक्स के प्रसार को रोका जा सके और संक्रमित लोगों का प्रभावी इलाज हो सके। इसके साथ ही, WHO ने सभी देशों से अपील की है कि वे इस वायरस को गंभीरता से लें और अपने स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत करें। मंकीपॉक्स का वैश्विक स्तर पर प्रसार एक बड़ा खतरा बन सकता है, और इससे निपटने के लिए एक संगठित और समन्वित प्रयास की आवश्यकता है।