
वॉशिंगटन। अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान किए वादे पर अमल करना शुरू कर दिया है। इनमें एक वादा अवैध विदेशी प्रवासियों को उनके देश वापस भेजना भी है। इस कड़ी में अमेरिका की सरकार ने सी-17 सैन्य विमान में 205 भारतीय अवैध प्रवासियों को रवाना कर दिया है। विमान जर्मनी में ईंधन भरने के लिए रुकेगा और इसके अमृतसर के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरने की संभावना है। हालांकि, अमृतसर एयरपोर्ट प्रशासन या केंद्र सरकार ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है। अमेरिका में करीब 18000 भारतीय ऐसे हैं, जो अवैध तरीके से पहुंचे। इनमें से तमाम पहले ही डिटेंशन सेंटर में हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले पेरू, होंडुरस और ग्वाटेमाला के अवैध प्रवासियों को सैन्य विमानों में भरकर उनके देश भेजा था। कोलंबिया के अवैध प्रवासियों को उन्होंने विमान से भेजा था, लेकिन वहां की सरकार ने इन लोगों को लेने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद ट्रंप ने कोलंबिया सरकार के अफसरों और नेताओं को वीजा न देने और टैरिफ लगाने का आदेश दिया था। इस पर कोलंबिया ने बैकफुट पर आते हुए कहा था कि वो अपने विमान भेजकर अमेरिका से अवैध प्रवासियों को वापस लाएगा। अमेरिका की सरकार के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक वहां सबसे ज्यादा अवैध प्रवासी मेक्सिको के हैं। दूसरे स्थान पर अल सल्वाडोर और तीसरे नंबर पर भारतीय अवैध प्रवासी हैं।
भारत और अमेरिका की सरकार ने मिलकर 18000 के करीब अवैध प्रवासियों की पहचान की है। सभी को वापस भेजा जाएगा। हालांकि, प्यू रिसर्च का दावा है कि अमेरिका में 7.2 लाख अवैध प्रवासी भारतीय हैं। अवैध रूप से अमेरिका गए भारतीयों के बारे में बीते दिनों विदेश मंत्री एस. जयशंकर का बयान आया था। उन्होंने कहा था कि अगर अमेरिका की ट्रंप सरकार इनको वापस भेजना चाहती है, तो सभी के कागजात का परीक्षण किया जाएगा। अभी ये जानकारी नहीं है कि अमेरिका ने जिन 205 भारतीयों को वापस भेजा है, उनके कागजात का मोदी सरकार ने परीक्षण कर लिया है या नहीं। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को 2 दिन के दौरे पर अमेरिका जा सकते हैं। वहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उनकी बातचीत होगी।