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Myanmar Army Attack: म्यांमार में स्कूल पर सेना के हेलीकॉप्टरों का हमला, 7 बच्चों समेत 13 की मौत

म्यांमार के इरावेदी और मिज्जिमा न्यूज के मुताबिक तबाइन गांव में बौद्ध मठ में ये स्कूल है। स्कूल प्रबंधन की सदस्य ने बताया कि हेलीकॉप्टरों से हमले के बाद सेना के जवान स्कूल आए और वो बच्चों के शव ले गए। इन शवों को 11 किलोमीटर दूर एक दूसरे गांव में दफनाया गया। स्कूल की इमारत पर हमले के बाद चारों तरफ खून ही खून बिखरा दिख रहा था।

नेपीटाव। भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में सेना के हेलीकॉप्टरों ने एक स्कूल पर हमला बोला है। इस हमले में 7 बच्चों समेत 13 लोगों की मौत होने की खबर है। उत्तर-मध्य म्यांमार के सगाइंग इलाके के तबाइन में स्कूल पर ये हमला किया गया। स्कूल प्रबंधन के एक सदस्य ने हमले की पुष्टि की है। म्यांमार में सेना लगातार लोकतंत्र समर्थकों का दमन कर रही है, लेकिन किसी स्कूल पर हमले और उसमें बच्चों की मौत की खबर पहली बार आई है। इस हमले के बारे में सेना का दावा है कि विद्रोहियों ने स्कूल की इमारत का इस्तेमाल जवानों पर हमले के लिए किया। इसी वजह से हेलीकॉप्टरों के जरिए वहां अटैक किया गया।

myanmar school attack 2

म्यांमार के इरावेदी और मिज्जिमा न्यूज के मुताबिक तबाइन गांव में बौद्ध मठ में ये स्कूल है। स्कूल प्रबंधन की सदस्य ने बताया कि हेलीकॉप्टरों से हमले के बाद सेना के जवान स्कूल आए और वो बच्चों के शव ले गए। इन शवों को 11 किलोमीटर दूर एक दूसरे गांव में दफनाया गया। स्कूल की इमारत पर हमले के बाद चारों तरफ खून ही खून बिखरा दिख रहा था। हमले के बाद सेना की ओर से बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि विद्रोही कचिन इंडिपेंडेंट आर्मी KIA और पीपुल्स डिफेंस फोर्स PDF ने इस स्कूल और बौद्ध मठ पर कब्जा जमा रखा था। यहां से हथियारों की सप्लाई की जा रही थी।

myanmar army jawans

सेना के बयान में कहा गया है कि हेलीकॉप्टर सवार जवानों ने जब औचक निरीक्षण किया, तो उनपर स्कूल और बौद्ध मठ से हमला बोला गया। इसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई। सेना के मुताबिक विद्रोहियों ने ग्रामीणों को ढाल की तरह इस्तेमाल किया। इस वजह से लोगों की जान गई। सेना ने ये दावा भी किया है कि स्कूल से बाद में 16 बम बरामद किए गए। बता दें कि म्यांमार में सेना ने 2021 की शुरुआत में लोकतांत्रिक सरकार को हटाकर सत्ता पर कब्जा जमा लिया था। इसके बाद से ही देश में जगह-जगह आंदोलन चल रहे हैं। सेना इन आंदोलन को कुचलने के लिए लगातार बल प्रयोग करती रहती है। म्यांमार में पहले भी सत्ता पर सेना काबिज रह चुकी है।