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भारत से सीमा विवाद के बीच नेपाल ने अलापा नया राग, जानिए प्रदीप ज्ञावली ने क्या कहा…

उन्होंने कहा, हमने कई बार अपने भारतीय मित्रों से औपचारिक रूप से सीमा से संबंधित इन समस्याओं को सुलझाने के लिए कूटनीतिक बातचीत शुरू करने के लिए कहा। हमने इसके लिए संभावित तारीखों का भी सुझाव दिया लेकिन भारत की ओर से हमारे प्रस्ताव पर समय से जवाब नहीं दिया गया।

नई दिल्ली। भारत से सीमा विवाद के बीच अब नेपाल ने नया राग अलापा है। नेपाल ने अपना रुख बदलते हुए कहा है कि उसने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने इस पर समय से प्रतिक्रिया नहीं दी। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता को दौरान ये बातें कहीं।

India nepal

नेपाली विदेश मंत्री ने कहा, ‘जब भारत ने नवंबर 2019 में अपने राजनीतिक नक्शे का आठवां संस्करण प्रकाशित किया था, तो इसमें नेपाल के क्षेत्र में आने वाले कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा भी शामिल थे। नेपाल ने राजनीतिक बयानों और राजनियक माध्यमों के सहारे इसका विरोध किया था।’

उन्होंने कहा, हमने कई बार अपने भारतीय मित्रों से औपचारिक रूप से सीमा से संबंधित इन समस्याओं को सुलझाने के लिए कूटनीतिक बातचीत शुरू करने के लिए कहा। हमने इसके लिए संभावित तारीखों का भी सुझाव दिया लेकिन भारत की ओर से हमारे प्रस्ताव पर समय से जवाब नहीं दिया गया।

Pradeep Gyawali Nepal Foreign Minister1

गोरखा भर्ती को प्रदीप ज्ञावली ने बीते जमाने की विरासत बताते हुए कहा कि यह नेपाली युवाओं के लिए विदेश जाने के लिए खुला पहला दरवाजा था। बीते समय में इसने रोजगार के कई अवसर उत्पन्न किए, लेकिन बदली परिस्थितियों में कई प्रावधानों पर सवाल उठ रहे हैं। 1947 का त्रिपक्षीय समझौता निरर्थक हो गया है।