न्यूयॉर्क। डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप को पॉर्न स्टार हश मनी मामले में न्यूयॉर्क के कोर्ट से झटका लगा है। डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूयॉर्क कोर्ट में अर्जी देकर हश मनी मामले में सजा सुनाने में देरी का अनुरोध किया था, लेकिन जज जुआन मर्चेन ने इसे खारिज कर दिया। न्यूयॉर्क कोर्ट के जज जुआन मर्चेन ने कहा है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप हाईकोर्ट में सफल अपील कर लेते हैं, तो सजा सुनाने को टाला जा सकता है। जज ने कहा कि ये मसले पहले भी कोर्ट में उठाए जाते रहे हैं। जज जुआन मर्चेन ने कहा कि 10 जनवरी 2025 को सजा सुनाने पर रोक लगाने की अर्जी वो खारिज कर रहे हैं।
इससे पहले न्यूयॉर्क कोर्ट ने हश मनी केस के 34 बिंदुओं पर ट्रंप को दोषी ठहराया था। जज ने डोनाल्ड ट्रंप को आदेश दिया है कि वो या तो व्यक्तिगत तौर पर या वर्चुअली सजा के दौरान मौजूद रहें। हश मनी मामले की सुनवाई करने वाले जज ने साफ कहा है कि ट्रंप को वो जेल भेजने या किसी तरह की शर्तें लगाने के पक्ष में नहीं हैं। इसके बावजूद सजा सुनाए जाने के कारण डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के पहले राष्ट्रपति होंगे, जो सजायाफ्ता के तौर पर शपथ लेंगे। डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों ने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को भी आधार बनाया था कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों को पद पर रहते किए गए आधिकारिक कार्यों के लिए केस से छूट हासिल होगी। जज जुआन मर्चेन ने इसे भी नहीं माना।
डोनाल्ड ट्रंप पर चला हश मनी का मामला पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स से जुड़ा है। स्टॉर्मी डेनियल्स के मुताबिक 2016 में जब ट्रंप ने अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव लड़ा, तब उनको यौन संबंध के बारे में कुछ न कहने के लिए रकम दी थी। इस मामले में जज ने पाया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कारोबारी रिकॉर्ड्स में भी बदलाव किए थे। फिलहाल डोनाल्ड ट्रंप अगर सजा सुनाए जाने के खिलाफ अमेरिका के हाईकोर्ट में अपील करते हैं और वहां से स्टे मिलता है, तभी वो सजायाफ्ता के तौर पर राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से बच सकते हैं।