नई दिल्ली। हाल ही में खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप के चलते भारत और अमेरिका के रिश्तों में तल्खी देखी गई थी। एक अमेरिकी समाचार एजेंसी ने ऐसे आरोप भारत सरकार पर लगाए थे कि भारत ने अमेरिका में खालिस्तान समर्थक गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या करने की साजिश रची थी। लेकिन भारत ने सिरे से इन आरोपों को नकारते हुए अमेरिका को उसी की भाषा में कड़ा जवाब दिया था। अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी ने इन आरोपों में अमेरिका में रहने वाले निखिल गुप्ता को जून में गिरफ्तार किया था। निखिल गुप्ता वर्तमान में चेक रिपब्लिक की एक जेल में कैद हैं। वो लगातार अमेरिकी सरकार से ये अपील कर रहे हैं कि इस साजिश में उनका कोई हाथ नही था। हालांकि उनके इस अपील को लेकर जांच चल रही है।
निखिल के वकीलों ने दिया तर्क, गलत पहचान के चलते हुए गिरफ्तारी
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इन आरोपों पर गुप्ता के वकीलों द्वारा प्रस्तुत बचाव इस तर्क के इर्द-गिर्द घूमता है कि उनकी गिरफ्तारी गलत पहचान पर की गई है। अगर बात करें निखिल गुप्ता की कानूनी टीम के तर्कों की उनका ये कहना है कि भारत में निखिल नाम के कई व्यक्ति हैं और जिस निखिल गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है वो कोई और भी हो सकता है। वे इस बात पर जोर देते हैं कि निखिल गुप्ता एक व्यवसायी है और उसकी कोई आपराधिक संलिप्तता नहीं है, उन्होंने जोर देकर कहा कि गिरफ्तारी गलत पहचान का परिणाम थी।
निखिल के परिवार ने की भारत सरकार से अपील
गौर करने वाली बात ये भी है कि निखिल की गिरफ्तारी के जवाब में भारतीय अधिकारियों ने उनकी सहायता के लिए राजनयिक कदम भी उठाए हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने दूतावास के माध्यम से गुप्ता को तीन बार सहायता भेजी है। प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि निखिल गुप्ता की सहायता के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच, निखिल गुप्ता के परिवार ने दो सप्ताह पहले बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करते हुए भारत के सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। यह याचिका एक अदालती आदेश की मांग करती है जिसमें भारत सरकार को गुप्ता को रिहा करने के लिए चेक गणराज्य पर दबाव डालने का निर्देश दिया जाए। परिवार ने चेक अदालतों में गुप्ता के बचाव के लिए एक भारतीय वकील की नियुक्ति का भी अनुरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट से आरोपी व्यक्ति का पता लगाने और उसे भारत वापस लाने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया गया है।