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India In UNSC : ‘कोई लोकतंत्र पर हमें ज्ञान न दे’, लोकतांत्रिक मूल्यों पर UNSC में भारत ने सबकी बोलती कर दी बंद

Ruchira Kamboj : UNSC में अस्थाई के सदस्य के तौर पर भारत की अध्यक्षता के पहले ही दिन रुचिरा कंबोज ने साफ शब्दों में कहा, ‘परिषद की सदस्यता के बीते दो सालों में हम यह भरोसे के साथ कह सकते हैं कि सभी जिम्मेदारियों को सही ढंग से निभाय है। सुरक्षा परिषद में सभी आवाजों के बीच एक सेतु बनने का काम किया है।

नई दिल्ली। भारत UNSC में काफी समय से स्थाई सदस्य के तौर पर अपनी जगह तलाश रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी भारत किसी भी देश के आगे झुकने को तैयार नहीं है। भारत को लोकतंत्र के मुद्दे पर क्या करना जरूरी है और क्या नहीं, इस पर किसी से ज्ञान लेने की जरूरत नहीं है। यूएन में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने यह तीखी टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मंच पर की है। भारत को दिसंबर महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता सौंपी गई है। हर महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता बदलती है और अगस्त 2021 के बाद यह दूसरा मौका है, जब भारत को यह जिम्मेदारी दी गई है। भारत फिलहाल दो साल के लिए इस परिषद का अस्थायी सदस्य भी चुना गया है, जिसकी अवधि इसी महीने के अंत में समाप्त होने वाली है।

आपको बता दें कि UNSC में अस्थाई के सदस्य के तौर पर भारत की अध्यक्षता के पहले ही दिन रुचिरा कंबोज ने साफ शब्दों में कहा, ‘परिषद की सदस्यता के बीते दो सालों में हम यह भरोसे के साथ कह सकते हैं कि सभी जिम्मेदारियों को सही ढंग से निभाय है। सुरक्षा परिषद में सभी आवाजों के बीच एक सेतु बनने का काम किया है। अलग-अलग मुद्दों पर लोग एक स्वर में बात करें, यह भी प्रयास हुआ है। हम अपनी अध्यक्षता के दौरान भी इस कोशिश को जारी रखेंगे।’ भारत में लोकतंत्र और मीडिया के एक सवाल पर रुचिरा ने कहा कि हमें किसी को यह बताने की जरूरत नहीं है कि लोकतंत्र पर हमको क्या करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप सभी लोग जानते हैं कि भारत दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता है। भारत में लोकतंत्र की जड़े 2500 साल पुरानी, हमें ज्ञान न दें रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें 2500 साल पुरानी हैं। हम हमेशा एक लोकतंत्र ही थे।

इसके अलावा अपने संबोधन के दौरान भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों पर बात करते हुए रुचिरा कंबोज ने कहा कि मौजूदा दौर की भी बात करें लोकतंत्र के सभी स्तंभ मजबूती के साथ काम कर रहे हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया की भी अपनी आवाज है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर मजबूती के साथ भारत का पक्ष रखते हुए कहा, ‘हम हर 5 साल पर दुनिया की सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव कराते हैं। हर कोई जो भी कहना चाहता है, उसके लिए आजाद है। यह देश तेजी से बदलाव की ओर है।’ यही नहीं इस दौरान उन्होंने वैश्विक समुदाय को आईना भी दिखाया। रुचिरा कंबोज ने इससे पहले भी पश्चिमी देशों को साफ शब्दों में भारत की चिंताओं और समस्याओं के सवालों पर खुलकर जवाब दिया था।