वॉशिंगटन। फिलिस्तीन और वहां के लोगों के मुद्दों को हर इस्लामी देश उठाता रहा है। इस्लामी देश अलग फिलिस्तीन राष्ट्र की मांग करते हैं और इस मसले पर इजरायल से उनकी तनातनी दशकों से जारी है। अब अमेरिकी मैगजीन ‘द अटलांटिक’ ने दावा किया है कि इस्लामी देशों में अहम स्थान रखने वाले सऊदी अरब ने फिलिस्तीन से पल्ला झाड़ लिया है। द अटलांटिक का दावा है कि जनवरी 2024 में जब सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान यानी एमबीएस ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से बातचीत की थी, तो उस वक्त कहा कि वो फिलिस्तीन के मुद्दे को प्राथमिकता में नहीं रखते! वहीं, अखबार मिडिल ईस्ट आई ने एक सऊदी अफसर के हवाले से कहा है कि प्रिंस सलमान और एंटनी ब्लिंकेन के बीच ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई।
अमेरिकी मैगजीन ने दावा किया कि एंटनी ब्लिंकेन और प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच बातचीत में इजरायल और हमास के बीच संघर्ष पर बात हुई थी। उसी दौरान सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने फिलिस्तीन को लेकर अपनी ये राय जताई। हालांकि, प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ये कहा कि हालात को बेहतर करना चाहिए। द अटलांटिक की खबर के मुताबिक प्रिंस सलमान ने कहा कि सऊदी अरब की 70 फीसदी जनता की उम्र उनसे कम है और वे फिलिस्तीन के बारे में ज्यादा नहीं जानते। उन्होंने एंटनी ब्लिंकेन से कहा कि गाजा पर इजरायल के हमले की वजह से सऊदी अरब के लोगों ने फिलिस्तीन के बारे में जानना शुरू किया है। इस वजह से सऊदी अरब के लोगों को फिलिस्तीन से ज्यादा मतलब भी नहीं है।
अमेरिकी मैगजीन के मुताबिक इसके बाद ही प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि फिलिस्तीन के मसले पर उनकी भी व्यक्तिगत रुचि नहीं है। अलग फिलिस्तीन देश के लिए इजरायल से बात जरूर करनी चाहिए। खास बात ये है कि सऊदी अरब में फिलिस्तीन के मुद्दे पर कोई विरोध-प्रदर्शन भी नहीं देखा गया है। वहां ऐसे विरोध प्रदर्शनों पर रोक भी लगाई जा चुकी है। सऊदी सरकार ने अपने यहां मस्जिदों में फिलिस्तीन के मसले पर किसी तकरीक पर भी रोक लगा रखी है।