लाहौर। पाकिस्तान में धार्मिक अपराध के लिए कानून कितने बड़े हैं और ईशनिंदा के आरोपों में कैसे कैसे लोगों को यातनाएं दी जाती हैं ये बात किसी से छिपी नहीं है। ईशनिंदा के आरोपों में पहले भी कई लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं। पाकिस्तान में ईशनिंदा कितना बड़ा अपराध माना जाता है इसका अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि हाल ही में पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के सामने झुकते हुए उसकी कई मांगों को स्वीकार कर लिया है। इन मांगों में ईशनिंदा के संदिग्धों पर पाक दंड संहिता (PPC) की धाराओं के साथ ही आतंकवाद की धाराओं के तहत मुकदमा चलाने की मांग भी शामिल थी। इसको पाकिस्तान सरकार ने मूक सहमति दे दी है। जिसके बाद पाकिस्तान में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को अल्लाह के खिलाफ बोलने पर सख्त से सख्त सजा मिलेगी।
شق نمبر 1:
گستاخانِ رسول صلی اللہ علیہ وسلم کا ٹرائل تیزی سے مکمل کر کے انہیں کیفر کردار تک پہنچایا جائے.#بفضل_خدا_فتح_لبیک_کی pic.twitter.com/1TwIsIFR4q
— Tehreek Labbaik Pakistan (@TLP_Markaz19) June 18, 2023
जानकारी के लिए आपको बता दें कि पाकिस्तान में एक कट्टरपंथी संगठन है, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP), जो कि एक लंबे वक्त से अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहा था। इस संगठन ने अपनी मांगे मनवाने के लिए शाहबाज़ शरीफ सरकार पर हर तरह से दवाब बनाने का प्रयास किया। करीब एक महीने से भी अधिक समय तक बवाल काटने के बाद भी सरकार ने इनकी मांगों को नहीं माना था। लेकिन आखिरकार टीएलपी और सरकार के बीच समझौते की घड़ी आई और समझौते पर आखिरी सहमति बनी। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने बताया कि पाक सरकार ने ईशनिंदा कानूनों को लेकर जो भी मांगे टीएलपी ने उठाई थीं, उनमें से वैध मांगों को हरी झंडी दे दी है। इसमें ईशनिंदा कानून को और भी अधिक प्रभावशाली बनाने की मांग रखी गई थी।
अब ये मामला बड़ा ही संजीदा है कि ईशनिंदा के आरोपों में किसी भी व्यक्ति को कैसे आतंकी धाराओं में सजा दी जा सकती है। लेकिन पाकिस्तान में ऐसा हो रहा है। हो भी क्यों न, आखिर पाकिस्तान धर्म के आधार पर गठित हुआ एक मुल्क जो ठहरा। तो आखिरकार समझौते के बाद लाहौर से करीब 200 किलोमीटर दूर गुजरात जिले के सराय आलमगीर में प्रदर्शन को टीएलपी ने समाप्त करने की घोषणा कर दी है। अब पाकिस्तान में इस नए समझौते के तहत जो भी व्यक्ति ईशनिंदा का दोषी पाया जाता है उसपर पाकिस्तान दंड की धारा 295-सी के तहत आतंकवाद निरोधी अधिनियम की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी।