
इस्लामाबाद। पाकिस्तान यूं तो कश्मीर का खूब राग अलापता है। कहता है कि कश्मीर उसकी अहम नस है और वहां के लोग उसके अपने हैं, लेकिन पाकिस्तान ने अब खुद दिखा दिया है कि कश्मीरियों के प्रति उसका रवैया कैसा है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने अवैध कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके के लिए बजट में 16 फीसदी की कटौती कर दी है। पिछले साल पाकिस्तान की सरकार ने पीओके के विकास के लिए बजट में 75 अरब रुपए रखे थे। इस साल बजट में पीओके के लिए बजट को घटाकर 63 अरब रुपए कर दिया गया है।
पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक शहबाज शरीफ सरकार ने पीओके के लिए बजट कटौती का ठीकरा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ पर फोड़ा है। पाकिस्तान की सरकार का कहना है कि आईएमएफ की ओर से शर्तें लगाए जाने की वजह से उसे पीओके का बजट कम करना पड़ा है। वहीं, पाकिस्तान की सरकार ने अपने यहां चीन की परियोजनाओं के लिए बजट में अच्छी-खासी रकम की व्यवस्था की है। बता दें कि बीते दिनों ही आईएमएफ ने एक दर्जन से ज्यादा कड़ी शर्तें लगाते हुए पाकिस्तान को और 1.4 अरब डॉलर का कर्ज मंजूर किया था। आईएमएफ की तरफ से पाकिस्तान को कुल 7 अरब डॉलर मिलने हैं। इस रकम में से कई किस्त पहले पाकिस्तान को आईएमएफ दे चुका है।
पाकिस्तान की माली हालत इतनी खराब है कि उसके पुराने दोस्त चीन, सऊदी अरब और यूएई वगैरा भी उसे और कर्ज नहीं देना चाहते। बीते दिनों ही शहबाज शरीफ ने सेना के अफसरों और जवानों को संबोधित करते हुए साफ कहा था कि पाकिस्तान के दोस्त मुल्क चाहते हैं कि वो उनके सहयोग से प्रोजेक्ट लगाए, न कि हमेशा भीख का कटोरा लेकर सामने खड़ा रहे। शहबाज शरीफ ने ये भी कहा था कि वो और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अब किसी दोस्त देश के सामने भीख का कटोरा लेकर खड़े नहीं होंगे। हालत ये है कि पाकिस्तान में आम लोगों के लिए दो जून की रोटी जुटाना बड़ी बात हो गई है। आटा 800 रुपए और चीनी 500 रुपए किलो बिक रही है। बिजली और पानी के रेट भी आईएमएफ की शर्तों के मुताबिक बढ़ाने पड़े हैं। पेट्रोल और डीजल भी पाकिस्तान में काफी महंगा है।