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Pakistan: इमरान खान को सजा मिलने के बाद अब उनके इस बड़े नेता पर गिरी गाज, पाकिस्तान चुनाव आयोग ने लिया ये सख्त एक्शन

Pakistan: इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी पर अवैध उद्देश्यों के लिए सिफर की चीजों के दुरुपयोग की साजिश रचने का केस दर्ज कराया गया था। 2023 से ही दोनों के खिलाफ पाकिस्तान की अदियाला जेल में केस की सुनवाई हो रही थी। इस मामले में दोनों को ही कोर्ट ने सजा सुनाई है।

इस्लामाबाद। बीते दिनों पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को एक कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। अब इमरान खान के करीबी नेता शाह महमूद कुरैशी पर पाकिस्तान चुनाव आयोग यानी पीईसी ने बड़ी कार्रवाई की है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पीटीआई के नेता और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को अयोग्य घोषित करते हुए उनके 5 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। ऐसे में अब शाह महमूद कुरैशी के पास एक ही रास्ता है कि वो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाकर अपने पक्ष में आदेश ले आएं और चुनाव लड़ें। शाह महमूद कुरैशी को पाकिस्तान सरकार बनाम इमरान अहमद खान नियाजी और मखदूम शाह महमूद कुरैशी के केस में अदालत के फैसले के बाद चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया गया है।

एक विशेष अदालत ने सरकारी गोपनीयता कानून भंग करने के मामले में इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी को सजा सुनाई थी। सिफर मुद्दे में एक राजनयिक दस्तावेज शामिल है। इमरान खान पर आरोप लगा था कि उन्होंने इस दस्तावेज को वापस नहीं किया। कोर्ट ने आरोप को सही पाया और इमरान खान व शाह महमूदकुरैशी को 10 साल कड़ी कैद की सजा सुना दी। कोर्ट के इसी आदेश का हवाला देते हुए पाकिस्तान चुनाव आयोग ने शाह महमूद कुरैशी पर एक्शन लिया है और चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहरा दिया है। अगर शाह महमूद कुरैशी को बड़ी अदालत से राहत न मिली, तो उनका राजनीतिक करियर संकट में पड़ने के पूरे आसार हैं।

इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी पर अवैध उद्देश्यों के लिए सिफर की चीजों के दुरुपयोग की साजिश रचने का केस दर्ज कराया गया था। 2023 से ही दोनों के खिलाफ पाकिस्तान की अदियाला जेल में केस की सुनवाई हो रही थी। अब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी को चुनाव से ठीक पहले झटका लगा है। हालांकि, पीटीआई लगातार कह रही है कि वो हर कार्रवाई का सामना करेगी और चुनाव में एक बार फिर जीत हासिल कर सरकार बनाएगी। हालांकि, पीटीआई के इस दावे पर लगातार हो रही कार्रवाई के कारण सवाल भी उठ रहे हैं।