
न्यूयॉर्क। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत तनाव है। पाकिस्तान को भारत के हमले का डर सता रहा है। ऐसे में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का आग्रह किया था। बंद कमरे में सुरक्षा परिषद की बैठक हुई। इस बैठक में पाकिस्तान ने पुराना कश्मीर राग गाया। भारत की ओर से सिंधु जल संधि को स्थगित किए जाने का रोना भी रोया, लेकिन फिलहाल उसे सुरक्षा परिषद से कुछ हासिल नहीं हुआ है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि बैठक से किसी ठोस नतीजे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान का मकसद इस मंच का उपयोग कर धारणाएं गढ़ने का है। जिसका भारत माकूल जवाब देगा।
Pakistan’s Permanent Representative at UN Asim Iftikhar Ahmad as expected goes on a 9-minute anti-India propaganda spree after UNSC meet.
– No word on lack of action against UN designated terror groups on Pak soil.
– No word on Pahalgam terror attack Mastermind Asim Munir’s… pic.twitter.com/E3yUxQBQVX
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) May 5, 2025
सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार अहमद मीडिया के सामने आए और दावा किया कि पाकिस्तान के ज्यादातर उद्देश्य पूरे हुए हैं। पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने कहा कि उनका देश हमेशा बातचीत के लिए तैयार है और शांति चाहता है। आसिम इफ्तिखार अहमद ने दावा किया कि सुरक्षा परिषद के कई सदस्य देश चाहते हैं कि मुद्दों को शांति से हल किया जाए। जिसमें कश्मीर का मुद्दा भी है। पाकिस्तानी प्रतिनिधि के मुताबिक इन सदस्यों ने कहा कि सभी मुद्दों को कश्मीर की जनता की मर्जी और संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के तहत हल किया जाना चाहिए। उन्होंने भारत की ओर से उठाए गए कदमों को एकतरफा और गैरकानूनी भी बताया। आसिम इफ्तिखार ने कहा कि पाकिस्तान टकराव नहीं चाहता, लेकिन अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए तैयार है। पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने पहलगाम हमले का जिम्मेदार होने के भारत के आरोप को भी नकार दिया। इफ्तिखार ने कहा कि पाकिस्तान और सुरक्षा परिषद के सदस्य इस हमले की निंदा कर चुके हैं। पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने ये भी नहीं कहा कि अपने यहां आतंकी संगठनों पर उनका देश कार्रवाई करेगा या नहीं।
पानी को हथियार नहीं जिंदगी बताते हुए पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने कहा कि नदियां पाकिस्तान की 24 करोड़ जनता की जरूरतों को पूरा करती हैं। अगर इनको रोका गया, तो ये सीधी आक्रामकता होगी। उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौता विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुआ था और पहले भारत और पाकिस्तान के बीच हुई तमाम जंग के दौरान भी इसे खत्म या स्थगित नहीं किया गया था। पाकिस्तानी प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार अहमद ने ये सब बातें तो कहीं, लेकिन वो मीडिया को ये नहीं बता सके कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने एकमत से आखिर उनके मुल्क के साथ रजामंदी दिखाई या नहीं। इसी से साफ हो रहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान को कुछ भी हासिल नहीं हुआ है।