
न्यूयॉर्क। आपने दीया तले अंधेरा वाली कहावत सुनी होगी। ऐसा ही कुछ संयुक्त राष्ट्र के साथ हुआ है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान को आतंकवाद निरोधक समिति का उपाध्यक्ष बनाया है। जबकि, पाकिस्तान पर ही भारत में आतंकवाद करवाने का गंभीर आरोप है। इतना ही नहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान को तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष भी बनाया है। ये समिति अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले लोगों और संस्थाओं की संपत्ति फ्रीज करने के साथ ही उनकी यात्रा और हथियारों पर बैन लगाने का फैसला करेगी। पाकिस्तान अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है।
भारत ने दुनिया के सभी देशों को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के बारे में हमेशा मजबूत सबूत दिए हैं। भारत के सांसदों के दलों ने दुनिया के 35 देशों में पहुंचकर पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के सबूत दिए हैं। पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद के मौलाना मसूद अजहर और अंतरराष्ट्रीय आतंकी दाऊद इब्राहिम को पनाह मिली हुई है। अल-कायदा का चीफ ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में ही अमेरिका के सैनिकों के हाथ जान गंवा चुका है। यहां तक कि आतंकवाद की फंडिंग के मामले में पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में भी रहा है। पूरी दुनिया इसे जानती है। इसके बावजूद सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान को आतंकवाद निरोधक समिति का उपाध्यक्ष बनाया।
बीते महीने ही भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान स्थित लश्कर, जैश और हिजबुल मुजाहिदीन के 9 खास अड्डों को हमला कर मिट्टी में मिलाया। जिसके बाद पाकिस्तान की सेना बदला लेने के लिए उतारू हुई। इस पर भारत ने पाकिस्तान की सेना को भी सबक सिखाते हुए उसके तमाम एयरबेस को मिसाइल हमलों से बड़ा नुकसान पहुंचाया और उसके दो रडार स्टेशन भी ध्वस्त कर दिए। ये पहला मौका नहीं है, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भारत में आतंकवाद फैलाने वाले पाकिस्तान की तरफ से आंख मूंदी है। इससे पहले भी कई बार अकाट्य सबूत देने के बावजूद सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। जबकि, संगठन ने कई अन्य देशों पर सख्त कार्रवाई की है।